17.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 01:16 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

राष्ट्रपति चुनाव : यशवंत सिन्हा ने निर्वाचक मंडल से की अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील, जानें जीवनी

Advertisement

राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष उम्मीदवार यशवंत सिंहा झारखंड के हजारीबाग के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर 12वीं और 13वीं लोकसभा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में अभूतपूर्व योगदान दिया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव से पहले विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने निर्वाचक मंडल से सैद्धांतिक अपील की है. उन्होंने अपनी अपील में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पर तीखा हमला भी किया है. उन्होंने कहा कि एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीत जाती हैं, तो वह केवल मूक, अदृढ़ और रबर-स्टांप राष्ट्रपति बनकर रह जाएंगी. उन्होंने सांसदों और विधायकों से संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और भारत को बचाने में मदद करने के लिए पार्टी-संबद्धता की परवाह किए बिना उन्हें वोट देने की जोरदार अपील की. उन्होंने सांसदों से चुनाव में अंतरात्मा की आवाज के साथ मतदान करने का कई बार आग्रह किया है. आइए, जानते हैं यशवंत सिन्हा की जीवनी के बारे में…

वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे

दरअसल, राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिंहा झारखंड के हजारीबाग के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर 12वीं और 13वीं लोकसभा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में अभूतपूर्व योगदान दिया है. अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में उन्होंने वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के पर आसीन रहे.

बागवानी और मिलने-जुलने का है शौक

बता दें कि यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना में हुआ था. उनके पिता का नाम विपिन बिहारी शरण था और उनकी माता का नाम धन्ना देवी था. उनकी पत्नी का नाम नीलिमा सिन्हा है और उनके बेटे का नाम का नाम जयंत सिन्हा है. यशवंत सिन्हा पढ़ने, बागवानी और लोगों से मिलने तथा अन्य कई क्षेत्रों में दिलचस्पी रखते हैं. वे व्यापक रूप से देश-दुनिया में भ्रमण किए और कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधिमंडलों की अगुवाई कर चुके हैं. उन्होंने देश की ओर से कई वार्ताओं एवं आदान-प्रदान में एक अग्रणी भूमिका निभाई थी.

चार सालों तक मजिस्ट्रेट के तौर दी सेवाएं

यशवंत सिन्हा ने प्राथमिक शिक्षा पटना कॉलेजिएट स्कूल और पटना विश्वविद्यालय में 1958 में राजनीति शास्त्र में अपनी मास्टर्स (स्नातकोत्तर) डिग्री प्राप्त की. इसके बाद में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक इसी विषय की शिक्षा दी. यशवंत सिन्हा 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहते हुए सेवा में 24 से अधिक साल बिताए. करीब चार सालों तक उन्होंने सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया.

बिहार सरकार में दो साल तक अवर सचिव के पद पर रहे आसीन

इसके बाद उन्होंने बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में दो सालों तक अवर सचिव तथा उप सचिव रहने के बाद उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के रूप में कार्य किया. 1971 से 1973 के बीच उन्होंने बॉन, जर्मनी के भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (वाणिज्यिक) के रूप में कार्य किया था. इसके बाद में उन्होंने बिहार सरकार के औद्योगिक आधारभूत सुविधाओं के विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर) और भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय में काम किया, जहां वे विदेशी औद्योगिक सहयोग, प्रौद्योगिकी के आयात, बौद्धिक संपदा अधिकारों और औद्योगिक स्वीकृति के मामलों के लिए जिम्मेदार थे. 1980 से 1984 के बीच भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में सड़क परिवहन, बंदरगाह और जहाजरानी (शिपिंग) उनके प्रमुख दायित्वों में शामिल थे. इसके बाद में उन्होंने 1973 से 1974 के बीच फ्रैंकफर्ट में भारत के कौंसुल जनरल के रूप में काम किया. इस क्षेत्र में लगभग सात साल काम करने के बाद उन्होंने विदेशी व्यापार और यूरोपीय आर्थिक समुदाय के साथ भारत के संबंधों के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त किया.

1984 में राजनीतिक जीवन में किया प्रवेश

यशवंत सिन्हा ने 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए. 1986 में उनको पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया गया और 1988 में उन्हें राज्य सभा का सदस्य चुना गया. 1989 में जनता दल का गठन के बाद उनको पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मंत्रिमंडल में नवंबर 1990 से जून 1991 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया.

Also Read: President Election: यशवंत सिन्हा के पुराने बयान पर शिवपाल यादव का लेटर बम, अखिलेश यादव कर दी ये बड़ी मांग
जून 1996 में बने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता

यशवंत सिन्हा जून 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने. मार्च 1998 में उनको वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उस दिन से लेकर 22 मई 2004 तक संसदीय चुनावों के बाद नई सरकार के गठन तक वे विदेश मंत्री रहे. उन्होंने भारतीय संसद के निचले सदन लोक सभा में बिहार ( झारखंड) के हजारीबाग निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन 2004 के चुनाव में हजारीबाग सीट से यशवंत सिन्हा की हार को एक विस्मयकारी घटना माना जाता है. उन्होंने 2005 में फिर से संसद में प्रवेश किया. 13 जून 2009 को उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें