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भोजपुर के दीपक को नहीं मिली सरकारी नौकरी तो शुरू की गेंदे की खेती, हो रही अच्छी आमदनी

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भोजपुर के दीपक ने डिफेंस में नौकरी न लगने पर परंपरागत खेती से हटकर गेंदा फूल की खेती शुरू की.पुरानी परम्पराओं को छोड़ दीपक ने कुछ अलग करने की ठानी और मालगुजारी पर खेत लेकर गेंदे के फूल की खेती आरंभ की.

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भोजपुर के दीपक ने डिफेंस में नौकरी न लगने पर परंपरागत खेती से हटकर गेंदा फूल की खेती शुरू की. उन्होंने नौकरी ना मिलने से हार नहीं मानी और फूलों से अपने जीवन को सुगंधित किया. आज वह चरपोखरी में गेंदे की कई प्रजाति की खेती कर फेस्टिवल सीजन में रोजाना 5 हजार रुपए कमा रहे हैं.हालांकि दीपक का परिवार कई वर्षों से परंपरागत खेती गेंहू, धान जैसी फसलों का उत्पादन करता रहा है. लेकिन इन सारी परम्पराओं को छोड़ दीपक ने कुछ अलग करने की ठानी और मालगुजारी पर खेत लेकर गेंदे के फूल की खेती आरंभ की.

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नौकरी के लिए किया बहुत बार प्रयास

दीपक बताते है कि नौकरी के लिए बहुत बार प्रयास किया लेकिन सफल नहीं नहीं हो पाए. परिवार के पालन-पोषण के लिए कुछ तो करना ही था. पिता जी परंपरागत करते थे. हमने सोचा कि धान गेंहू की खेती तो सब करते हैं. क्यों न इस परंपरा से हट कुछ अलग किया जाए. लॉक डाउन के समय शुरुआत की फूलों की खेती भी अच्छी हुई. लेकिन प्रतिबंध होने के कारण सारा फूल बर्बाद हो गया. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. और एक बार फिर ढाई बिगहे में गेंदे के पौधे लगाए. ऑफ सीजन में दीपक प्रति दिन 12 सौ से 15 सौ रुपए और लगन, पर्व-त्योहार में चार हजार से 5 हजार कमा लेते हैं. दीपक आसपास के युवकों के लिए प्रेरणा बन गए हैं.

प्रतिदिन करते हैं फूलों की सप्लाई

दीपक के बताते हैं की प्रतिदिन खेतों से ताज़ा फूलों को निकाल कर विक्रमगंज, सासाराम, डिहरी, बक्सर,आरा, पटना के कुछ इलाकों में फूलों की सप्लाई होती है. धार्मिक और मांगलिक अवसर पर फूलों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. दीपक के फूलों की डिमांड मांगलिक कार्यों, धार्मिक अनुष्ठानों, सामाजिक आयोजनों, सरकारी कार्यक्रम समेत कई कार्यक्रमों में होती है. लगन की शुरुआत होते ही फूलों की एडवांस डिमांड बढ़ जाती है.

यूट्यूब से देख कर सीखे फूलों की खेती

दीपक फूलों की खेती यूट्यूब से देख कर सीखे हैं. दीपक के अनुसार किसान गेंदे के फूलों की खेती से साल में चार फसलें लेकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. यदि बीज उन्नत किस्म की हो तो गेंदे की बारह महिने खेती की जा सकती है. हाइब्रीड गेंदा को जनवरी में लगाकर मार्च से लेकर जून तक कमाई की जा सकती है. उसके बाद जुलाई में बरसाती देसी गेंदे की खेती शुरू हो जाती है. यह गेंदा दीपावली तक अच्छी कमाई देने लगता है. फूलों की खेती से होने वाली कमाई से दीपक बहुत खुश हैं. अब वे फूलों की खेती का विस्तार करने की सोच रहें हैं. अब दीपक किसी के पहचान की मोहताज नहीं हैं. दीपक अपने गांव और पंचायत में फूल वाले दीपक के नाम से जाने जाते हैं.

गेंदा को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है

दीपक बताते हैं की गेंदा मुख्य रूप से ठंडी जलवायु वाली फसल है ठंड के मौसम में गेंदे की वृद्धि और फूलों की गुणवत्ता अच्छी होती है. जलवायु परिस्थितियों के आधार पर गेंदे की खेती मानसून, सर्दी और गर्मी तीनों मौसमों में की जाती है.फरवरी के पहले सप्ताह के बाद और जुलाई के पहले सप्ताह से पहले अफ्रीकी गेंदा लगाने से उपज और फूलों की गुणवत्ता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.गेंदा को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है.

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