28.7 C
Ranchi
Tuesday, March 4, 2025 | 08:15 pm
28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

6th JPSC मामला: फैसला सुरक्षित, याचिकाकर्ताओं ने दी दलील- नियुक्ति हो जाने के बाद पद से हटाया जाना गलत

Advertisement

कल छठी जेपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट नें सुनवाई हुई. जस्टिस अजय रस्तोगी व जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. वहीं याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अनियमितता नहीं हुई है तो कैसे संशोधित परिणाम जारी किया जा सकता है

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची : सुप्रीम कोर्ट में छठी जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा को लेकर दायर स्पेशल लीव पिटीशन पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई. जस्टिस अजय रस्तोगी व जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. लगातार तीन दिनों तक सुनवाई चलने के बाद गुरुवार को बहस पूरी कर ली गयी.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगर हाइकोर्ट के फैसले को सही भी माना जाये, तो जेपीएससी को संशोधित परिणाम मेंस के मेरिट लिस्ट के आधार पर ही बनाना चाहिए, लेकिन जेपीएससी ने इसे फाइनल मेरिट लिस्ट के आधार पर तैयार किया और यह गलत है. सुनवाई के दौरान कुछ दस्तावेज भी पेश किये गये.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जेपीएससी की नियुक्ति में जब अनियमितता नहीं हुई है, तो संशोधित परिणाम कैसे जारी किया जा सकता है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि परिणाम के आधार पर उनकी नियुक्ति की गयी. ट्रेनिंग भी हो चुकी है. ऐसे में अब पद से हटाया जाना सही नहीं होगा. वहीं जेपीएससी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने हाइकोर्ट के आदेश को सही करार देते हुए कहा कि संशोधित परिणाम नियमों के तहत जारी किया गया है.

विज्ञापन में शर्तों का स्पष्ट विवरण दिया गया है. वहीं पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे प्रतिवादी दिलीप कु सिंह की अोर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखा. झारखंड सरकार ने 20 जुलाई को हलफनामा दाखिल कर कहा था कि संशोधित परिणाम जारी होने के बाद नौकरी से बाहर होनेवाले अभ्यर्थियों को समायोजित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि रिक्त पदों की संख्या 38 है.

इस पर सभी को समायोजित नहीं किया जा सकता है. प्रार्थी फैजान सरवर, वरुण व अन्य की ओर से एसएलपी दायर कर हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी है. हाइकोर्ट की एकल पीठ ने 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था. बाद में जेपीएससी ने संशोधित मेरिट लिस्ट जारी की थी, जिसमें पूर्व की मेरिट लिस्ट में शामिल लगभग 62 अभ्यर्थी बाहर हो गये थे.

Posted By: Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर