26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 03:20 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

दिल्ली में चलेगा किसका राज, उपराज्यपाल या केजरीवाल? तय करेगी सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ

Advertisement

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कर दिया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसका राज चलेगा? क्या जनता द्वारा निर्वाचित सरकार के पास विधायी और कार्यकारी शक्तियां होंगी या फिर केंद्र के द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल सरकार के दायरे में दखल देते रहेंगे? दिल्ली के उपराज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच के विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. इसके लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने सोमवार पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे.

- Advertisement -

केंद्र और दिल्ली सरकार के विवाद पर सुनवाई करेगी संविधान पीठ

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कर दिया है. उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ केंद्र तथा दिल्ली सरकार के बीच विवाद पर सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को संविधान पीठ के पास भेजा था मामला

एक वकील ने न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया था. सर्वोच्च अदालत ने छह मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा था. प्रधान न्यायाधीश ने तब कहा था कि संविधान के प्रावधानों और संविधान के अनुच्छेद 239एए (जो दिल्ली की शक्तियों से संबंधित है) के अधीन और संविधान पीठ के फैसले (2018 के) पर विचार करते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि इस पीठ के समक्ष एक लंबित मुद्दे को छोड़कर सभी मुद्दों का पूर्ण रूप से निपटारा किया गया है. इसलिए हमें नहीं लगता कि जिन मुद्दों का निपटारा हो चुका है, उन पर दोबारा विचार करने की जरूरत है.

उपराज्यपाल और सरकार के विवाद पर फैसला सुनाएगी संविधान पीठ

छह मई को पीठ ने कहा था कि इस न्यायालय की संविधान पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 239एए की व्याख्या करते हुए इस विवाद पर विशेष रूप से कोई टिप्पणी नहीं की. इसलिए, संविधान पीठ द्वारा इस मामले पर एक आधिकारिक फैसले के लिए उपरोक्त मामले को उसके पास भेजना उचित होगा. केंद्र सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण और संशोधित जीएनसीटीडी अधिनियम, 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की दो अलग-अलग याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करने का अनुरोध किया था.

Also Read: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की शक्तियों पर आज होगा फैसला, लोकसभा में पेश होगा GNCTD विधेयक-2021
उपराज्यपाल को जीएनसीटीडी अधिनियम के तहत दी गईं अधिक शक्तियां

जीएनसीटीडी अधिनियम में उपराज्यपाल को कथित तौर पर अधिक शक्तियां प्रदान की गयी है. यह याचिका 14 फरवरी 2019 के उस खंडित फैसले को ध्यान में रखते हुए दायर की गयी है, जिसमें न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण (अब दोनों सेवानिवृत्त) की पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को उनके विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन-सदस्यीय पीठ के गठन की सिफारिश की थी. न्यायमूर्ति भूषण ने तब कहा था कि दिल्ली सरकार के पास प्रशासनिक सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं हैं. हालांकि, न्यायमूर्ति सीकरी की राय उनसे अलग थी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें