21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 01:32 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Lok Sabha Polls 2024: मिशन 2024 का किला फतह करने के लिए पसमांदा मुसलमानों को लुभाने में जुटी भाजपा

Advertisement

Lok Sabha Polls 2024: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के लिए प्लानिंग शुरू कर दी है. हिंदू वोटों को मजबूत करने के प्रयास के बाद बीजेपी ने अब अपना ध्यान पसमांदा मुसलमानों पर केंद्रित कर दिया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Lok Sabha Polls 2024: मिशन 2024 में जुटी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के लिहाज से प्लानिंग शुरू कर दी है. हिंदू वोटों को मजबूत करने के प्रयास के बाद बीजेपी ने अब अपना ध्यान पसमांदा मुसलमानों पर केंद्रित कर दिया है, जो भारत की मुस्लिम आबादी का 85 प्रतिशत हिस्सा हैं.

- Advertisement -

कौन है पसमांदा मुसलमान?

पसमांदा मुसलमान, मुस्लिम समुदाय के कमजोर वर्ग हैं. उन्हें अतीत में राजनीतिक दलों द्वारा बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया गया था. अब तक, कांग्रेस, बसपा, सपा और अन्य पार्टियों में संपन्न मुसलमानों का सियासी वर्चस्व रहा है. चूंकि, अब विपक्षी दल भी अगले आम चुनावों में अपने वोट शेयर बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी महज हिंदुत्व वोटों पर भरोसा नहीं कर सकती है. इसी कड़ी में 2024 के आम चुनाव के बाद भी सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी में अहम पदों की पेशकश कर पसमांदा मुसलमानों को लुभाने के विकल्प तलाश रही है.

क्या यूपी में बीजेपी को मिला पसमांदा मुसलमानों का वोट?

उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में बसपा ने 96 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जबकि एआईएमआईएम ने 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा. उनके अलावा, अन्य राजनीतिक दलों ने भी 45 अन्य मुसलमानों को मैदान में उतारा. ये मुस्लिम उम्मीदवार 20-25 हजार वोट हासिल करने में सफल रहे और वोट बंटवारे के कारण बीजेपी ने 2000 से कम वोटों के अंतर से 165 सीटें जीतीं. राज्य विधानसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इन मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के बावजूद, बीजेपी 8 प्रतिशत मुस्लिम वोट हासिल करने में सफल रही. चुनाव में 180 सीटों की उम्मीद के बावजूद राज्य में बीजेपी को 254 सीटें मिलने के पीछे यह एक कारण है.

पसमांदा मुसलमानों को लुभाकर वोट शेयर बढ़ाने की कोशिश

चुनावों में बीजेपी ने हिंदू वोटों को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे 42 फीसदी वोट मिले और सपा को 32 फीसदी वोट मिले. अगर बीजेपी सत्ता में बने रहना चाहती है, तो उसे पसमांदा मुसलमानों को लुभाकर अपना वोट शेयर बढ़ाने के विकल्प तलाशने होंगे, क्योंकि पार्टी धीरे-धीरे अपने हिंदुत्व मतदाताओं को खो रही है. अब बीजेपी तेलंगाना सहित पूरे देश में पसमांदा मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रही है, जहां 2023 में चुनाव होने वाले हैं.

क्या तेलंगाना में यूपी की सफलता दोहरा सकती है बीजेपी?

जीएचएमसी चुनावों में कई सहयोगी सीटें जीतने के बाद राज्य में मजबूत विपक्ष के रूप में उभरने के बाद से बीजेपी तेलंगाना में सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. हालांकि, पसमांदा मुस्लिम उत्तर भारतीय राज्यों की राजनीति में आम है, लेकिन तेलंगाना में यह असामान्य है. एआईएमआईएम को लगता है कि तेलंगाना की राजनीति में इस शब्द का कोई महत्व नहीं होगा, भले ही बीजेपी इसे बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करें.

Also Read: Congress President Polls: राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष क्यों बनाना चाहती है बीजेपी?

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें