16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 01:51 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

यूपी के प्रतापगढ़ में जन्मे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बने नए शंकराचार्य, बीएचयू में रह चुके हैं छात्रनेता

Advertisement

सोमवार को शिवसायुज्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के पार्थिव शरीर के समक्ष दोनों के नाम की घोषणा की गई. ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य घोषित स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बनारस से गहरा नाता रहा है. उन्होंने काशी के केदारखंड में रहकर संस्कृत विद्या का अध्ययन किया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Varanasi/Lucknow News: ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने के बाद उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी गई है. स्वामी स्वरूपानंद दो पीठों ज्योतिष पीठ और द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य थे. ज्यातिष पीठ बद्रीनाथ पर उनके शिष्य काशी के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को नया शंकराचार्य घोषित किया गया है. वहीं, द्वारकाशारदा पीठ पर स्वामी सदानंद सरस्वती के नाम की घोषणा की गई है.

- Advertisement -

छात्र राजनीति में भी वे काफी सक्रिय रहे

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को शिवसायुज्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के पार्थिव शरीर के समक्ष दोनों के नाम की घोषणा की गई. ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य घोषित स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बनारस से गहरा नाता रहा है. उन्होंने काशी के केदारखंड में रहकर संस्कृत विद्या का अध्ययन किया है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री और आचार्य की शिक्षा ग्रहण की है. इस दौरान छात्र राजनीति में भी वे काफी सक्रिय रहे हैं.

Also Read: संन्यासी होकर भी शंकराचार्य ने किया था मां का अंतिम संस्कार, जानें केरल में घर के सामने क्यों जलायी जाती है चिता
ब्रह्मचारी रामचैतन्य के साथ काशी चले आए

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में जन्मे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मूलनाम उमाशंकर है. प्रतापगढ़ में प्राथमिक शिक्षा के बाद वे गुजरात चले गए थे. धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के शिष्य पूज्य ब्रह्मचारी श्री रामचैतन्य जी के सान्निध्य और प्रेरणा से संस्कृत शिक्षा आरंभ हुई. स्वामी करपात्री जी के अस्वस्थ होने पर वह ब्रह्मचारी रामचैतन्य के साथ काशी चले आए.

…तबसे दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कहा जाने लगा

इसके बाद वे स्वामी करपात्री जी के ब्रह्मलीन होने तक उन्हीं की सेवा में रहे. वहीं पर इन्हें पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निरंजन-देवतीर्थ और ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का दर्शन एवं सान्निध्य मिला. दीक्षा के बाद इनका नाम ब्रह्मचारी आनंद स्वरूप हो गया. इसके बाद वाराणसी में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने दंडी दीक्षा दीक्षा दी. इसके बाद इन्हें दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कहा जाने लगा. वे अभी उत्तराखंड स्थित बद्रिकाश्रम में शंकराचार्य के प्रतिनिधि के रूप में ज्योतिष्पीठ का कार्य संभाल रहे हैं.

Also Read: ज्ञानवापी मामलाः कथित शिवलिंग का पूजा करने संबंधी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका खारिज

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें