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Bio Ethanol Project: बायो-इथेनॉल को लेकर मोदी सरकार की क्या है प्लानिंग, अमित शाह ने विस्तार से बताया

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Bio Ethanol Project: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सूरत में बायो-इथेनॉल परियोजना का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि इसके अंदर गन्ना, मक्का, सूखे चावल और किसी भी खाद्यान्न के बचे हुए कचरे का उपयोग किया जाएगा.

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Bio Ethanol Project: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सूरत में KRIBHCO की बायो-इथेनॉल परियोजना ‘कृभको हजीरा’ का शिलान्यास किया. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून 2021 को पर्यावरण दिवस पर इथेनॉल सबमिशन के कार्यक्रम की एक एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट जारी की थी. कमेटी ने 2030 तक का लक्ष्य रखा कि भारत के पेट्रोल-डीजल की खपत का 20 फीसदी तक हम इथेनॉल बनाकर हम सम्मिश्रण करेंगे.

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किसी भी खाद्यान्न के बचे हुए कचरे का किया जाएगा उपयोग

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसके अंदर गन्ना, मक्का, सूखे चावल और किसी भी खाद्यान्न के बचे हुए कचरे का उपयोग किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 प्रतिशत के साथ-साथ 10 फीसदी का भी लक्ष्य रखा था कि नवंबर 2022 से पहले हम 10 प्रतिशत सम्मिश्रण कर देंगे. बता दें कि बायो फ्यूल यानी इथेनॉल पेट्रोल के मुकाबले कहीं कम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है. दुनिया भर में कई देश बायो फ्यूल का उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रहे हैं ताकि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता को भी कम किया जा सके. भारत में भी बायो फ्यूल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.


जानिए कैसे तैयार होता है बायो फ्यूल?

बायो फ्यूल को तैयार करने के लिए कई तरह के जैविक उत्पादों का उपयोग किया जाता है. आमतौर पर बायो फ्यूल को तैयार करने के लिए मक्के, गन्ने और चावल की फसल का उपयोग किया जाता है. वहीं, कई देशों में बायो फ्यूल यानि इथेनॉल को तैयार करने के लिए जट्रोफा का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक तरह का पौधा है. इन सभी जैविक उत्पादों को बायो फ्यूल बनाने वाली फैक्ट्री में कई चरणों में रासयनिक प्रोसेसिंग की प्रक्रिया से गुजारा जाता है. अंतिम उत्पाद के तौर पर बायो फ्यूल निकलता है, जिसकी कैलोरिफिक वैल्यू यानी ऊर्जा पैदा करने की क्षमता पेट्रोल से कम होती है, लेकिन इनके जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों का उत्सर्जन भी कम होता है.

क्या है बायो फ्यूल के फायदे?

इथेनॉल कई तरह से फायदेमंद है. अगर वाहन में बायो फ्यूल से तैयार किया गया फ्लेक्स फ्यूल इस्तेमाल किया जा रहा है तो इससे प्रदूषण में कमी की जा सकती है. दरअसल, फ्लेक्स फ्यूल जब वाहन के इंजन में जलता है तो यह कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और अन्य खतरनाक गैसों के उत्सर्जन को कम करता है.

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