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Jharkhand Taxation Act Bill: राज्यपाल ने आपत्ति के साथ झारखंड कराधान अधिनियम विधेयक सरकार को लौटाया

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राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि के समाधान बिल 2022 को आपत्ति के साथ बिना स्वीकृति के राज्य सरकार को लौटा दिया है. राज्यपाल ने झारखंड विधानसभा से अगस्त 2022 में पारित उक्त विधेयक के हिंदी व अंग्रेजी के प्रस्ताव में विसंगति रहने के कारण ही इसे लौटाया है.

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Jharkhand Taxation Act Bill: राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि के समाधान बिल 2022 को आपत्ति के साथ बिना स्वीकृति के राज्य सरकार को लौटा दिया है. राज्यपाल ने झारखंड विधानसभा से अगस्त 2022 में पारित उक्त विधेयक के हिंदी व अंग्रेजी के प्रस्ताव में विसंगति रहने के कारण ही इसे लौटाया है. साथ ही इसमें आवश्यक सुधार करते हुए झारखंड विधानसभा से पुन: पारित करा कर राजभवन भेजने का निर्देश दिया है. राज्यपाल ने पाया है कि विधेयक के सेक्शन तीन में अंग्रेजी में ए व बी लिखा गया है, जबकि इसे हिंदी संस्करण में एक अौर दो लिखा गया है. जबकि हिंदी में क व ख लिखना चाहिए था. इसी प्रकार इसी कॉलम में अंग्रेजी में छूट का प्रतिशत 50 प्रतिशत लिखा गया है, जबकि हिंदी के प्रस्ताव में 60 प्रतिशत लिखा हुआ है.

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क्या है विधेयक में

यह विधेयक जीएसटी लागू होने से पहले तक के बकाये के सिलसिले में चल रहे कानूनी विवाद को समाप्त करने से संबंधित है. इसमें बकाया टैक्स की वसूली के लिए मुकदमों को समाप्त कर बकाये की वसूली का प्रावधान किया गया है. विवाद समाप्त कर योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित व्यापारियों को अपने-अपने अंचलों में ही आवेदन देना होगा. विवाद समाप्त करने के लिए संबंधित व्यापारी को एडमिटेड टैक्स का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा. जिस राशि पर व्यापारी और सरकार के बीच विवाद हो, उसका 40 प्रतिशत भुगतान करना होगा. स्टेच्यूट्री फार्म से संबंधित बकाये राशि का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा. हालांकि सूद और दंड की राशि का सिर्फ 10 प्रतिशत ही भुगतान करना है. यानी इस मद में व्यापारियों को 90 प्रतिशत की छूट मिलेगी. व्यापारियों के साथ चल रहे कानूनी विवाद में 3690 करोड़ रुपये निहित हैं. इसमें टैक्स मद का 3004 करोड़, विवादित राशि 290 करोड़ और सूद व दंड के 396 करोड़ रुपये शामिल हैं.

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जीएसटी विधेयक को मिली स्वीकृति

राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2022 पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में किये गये संशोधन को राज्य में भी लागू करना है. झारखंड विधानसभा के माॅनसून सत्र में इस विधेयक को पारित कराया गया था.

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