21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 11:42 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

साहिबगंज में दो मरीजों से अपराधियों की तरह बर्ताव कर रहा सदर अस्पताल, बंद कमरे में हो रहा इलाज

Advertisement

साहिबगंज के सदर अस्पताल में दो मरीजों के साथ अपराधियों के तरह बर्ताव किया जा रहा है. पहले तो उन्हें बंद एक कमरे में रखा जाता है. जहां न तो डॉक्टर आते हैं और न ही खाने की अच्छी व्यवस्था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

साहिबगंज : झारखंड के साहिबगंज में दो मरीजों के साथ सदर अस्पताल प्रशासन अपराधियों की बर्ताव कर रहा है. न ही ठीक से इलाज कर पा रहा है और न ही अच्छा खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है. मामला जिले के सदर अस्पताल का है. जहां कई दिनों से दो वृद्ध महिला व पुरुष मरीज इलाजरत हैं. वृद्ध पुरुष मरीज साहिबगंज शहर के अंजुम्मन नगर के रहने वाले है.

- Advertisement -

तो वहीं वृद्ध महिला मरीज अज्ञात है. उसका नाम क्या है. कहां की रहने वाली है यह अस्पताल के कर्मचारियों को भी पता नहीं है. मिली जानकारी के अनुसार 14 से 16 सितम्बर के बीच दोनों वृद्ध महिला व पुरुष मरीज को सदर अस्पताल के वार्ड से हटवाकर परिसर में ही स्थित वेयर हाउस के निचले तल्ले के हॉल में एकांत अवस्था में रखवा दिया गया और उसे खाना पानी दिया जाता रहा.

जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि को इस बात की जानकारी मिली तो गुरूवार की सुबह सदर अस्पताल के वेयर हाउस में पहुंचा तो वहां निचले तल्ले के हॉल का दरवाजे में कुंडी लगी थी. पूछने पर एक व्यक्ति ने बताया कि अंदर में दो वृद्ध मरीज बंद है. अंदर जाने पर पूरे हॉल से बदबू आ रही थी.

वृद्ध महिला मरीज जमीन पर पड़े एक गद्दे पर सोयी हुई थी और वृद्ध पुरूष मरीज अपने हाथों में दस रूपया लिये बेड पर बैठा खिड़की से चाय चाय की आवाज लगा रहा था. पूछे जाने पर उन्होंने बताया की हमें चाय पीनी है. चाय ला दीजिये. उनसे पूछा गया कि खाना मिलता है तो उन्होंने कहा हां मिलता है लेकिन आज नास्ता नहीं मिला है. दवा व डॉक्टर से जांच की बात कहने पर वह रोते हुए बोला कि दवा अभी नहीं मिल रहा है. ना ही कुछ दिनों से डॉक्टर देखने आ रहे हैं.

उन्होंने बताया कि मेरा पैर में ज़ख्म है जिसके इलाज के लिए बीते एक साल से सदर अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं वृद्ध महिला मरीज ने हाथ से खाना की रखी थाली की ओर इशारा करते हुए खाना नहीं मिलने की बात कही और हाथ जोड़ कर रोने लगी. इस मामले में सदर अस्पताल के कर्मचारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जो वृद्ध पुरुष मरीज हैं उसका नाम गफ्फार है. वह अंजुम्मन नगर का रहने वाला है. उनके दाहिने पैर में ज़ख्म है.

गफ्फार सदर अस्पताल में 05-06-2021से इलाजरत है. अस्पताल के अभिलेख देखने पता चला कि गफ्फार को अंतिम बार 14 सितंबर को डॉक्टर ने देखा था. वहीं वृद्ध महिला मरीज की उम्र 60 वर्ष है. लेकिन अस्पताल के अभिलेख में ना तो उनका नाम है ना ही पता. नाम की जगह अज्ञात लिखा हुआ है. वृद्ध महिला मरीज के पैर में दिक्कत है. उसे सदर अस्पताल में 30-07-2022 को दोपहर 12:30 बजे इलाज के लिये भर्ती कराया गया था.

इस दृश्य को देखने के बाद अस्पताल प्रशासन पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. सवाल ये है कि सदर अस्पताल के वार्ड से दो वृद्ध महिला व पुरुष मरीज को सुनसान पड़े वेयर हाउस के हॉल में क्यों रखा गया और किसके आदेश पर रखा गया. अगर रखा भी गया तो हॉल के दरवाजे का कुंडी क्यों लगा कर रखी गयी. अगर मरीज की स्थिति बिगड़ती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. इन तमाम सवालों के जवाब तो अस्पताल प्रशासन को देना ही होगा.

रिपोर्ट- अमित सिंह

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें