26.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 12:33 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Prabhat Khabar Exclusive: इंसान की लालच ने नदियों को संकट में डाला, कई तरह से हो रहा है दोहन

Advertisement

Prabhat Khabar Exclusive: झारखंड के गढ़वा जिला के डंडई प्रखंड अंतर्गत जरही पंचायत में स्थित चमरदाही नदी, तसरार की झवा नदी, डंडई की डान्डु व यूरिया नदी, पचौर की नकछोलवा नदी, तसरार की औरैया नदी का निरंतर अतिक्रमण हो रहा है. नदियों में कचरा का अंबार पड़ा है. यह पर्यावरण को दूषित कर रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Prabhat Khabar Exclusive: नदियां प्रकृति की अनुपम देन हैं. इसे संरक्षित करने की जरूरत है, क्योंकि यह जीवनदायिनी है. लेकिन, लगातार नदियों को प्रदूषित (River Pollution) किया जा रहा है. शहर और उद्योगों के कचरे इसमें डाले जा रहे हैं. इतना ही नहीं, अपनी लालच को पूरा करने के लिए नदियों के किनारे ईंट-भट्ठा तक खड़ा कर दिया गया है. कचरा, नाली का गंदा पानी इसमें डाला जाता है, सो अलग. यह नदी पर एक तरह का अत्याचार है. झारखंड में भी नदियों पर खूब अत्याचार हो रहा है. इसे रोकने और नदियों को बचाने (Save River) की जरूरत है.

- Advertisement -
गढ़वा में इन नदियों के तट का हो रहा है अतिक्रमण

झारखंड के गढ़वा जिला के डंडई प्रखंड अंतर्गत जरही पंचायत में स्थित चमरदाही नदी, तसरार की झवा नदी, डंडई की डान्डु व यूरिया नदी, पचौर की नकछोलवा नदी, तसरार की औरैया नदी का निरंतर अतिक्रमण हो रहा है. नदियों में कचरा का अंबार पड़ा है. यह पानी को प्रदूषित कर रहा है. पर्यावरण को भी दूषित कर रहा है.

Also Read: Prabhat Khabar Special: संकल्प लें, जल संसाधन को मानेंगे संपदा, नदियों का करेंगे संरक्षण स्थानीय स्तर पर गौण है नदी प्रदूषण का मुद्दा

हाल के दिनों में नदियों के प्रदूषण का मुद्दा जोर-शोर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा है. नदियों को प्रदूषण से बचाने की पहल भी हो रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर यह मुद्दा गौण है. न तो आम लोगों को नदियों की चिंता है, न ही प्रशासनिक अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देने की फुर्सत है.

Undefined
Prabhat khabar exclusive: इंसान की लालच ने नदियों को संकट में डाला, कई तरह से हो रहा है दोहन 2
नदियों पर दबाव बढ़ा रहा इंसानी लालच

इंसान की लालच ने नदियों पर दबाव बढ़ा दिया है. प्रदूषण और नदियों के तट पर अतिक्रमण की वजह से नदियों को तो नुकसान हो ही रहा है, पर्यावरण को भी बड़े पैमाने पर क्षति हो रही है. इसे रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आम लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.

Also Read: Save River: संकट में झारखंड के जलस्रोत, सूख जाती हैं 196 में से 141 नदियों की जलधारा डंडई में लोगों को किया जायेगा जागरूक: अंचल अधिकारी

प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों के साथ बहती झारखंड समेत देश-दुनिया की नदियां कठोर और त्वरित कार्रवाई का आह्वान कर रही हैं. डंडई के अंचल अधिकारी चोनाराम हेम्ब्रम ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि इस संबंध में जल्द ही जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. लोगों को नदी को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया जायेगा.

धरती के चारों ओर पानी का विशाल भंडार

बता दें कि हमारे ग्रह के 70 फीसदी हिस्से पर पानी ही पानी है. बाकी 30 फीसदी हिस्से पर धरती, जंगल, पहाड़ आदि हैं. पानी का इतना विशाल भंडार होने के बावजूद लोगों को पीने के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल पा रहा है. लोग नदी-नालों का प्रदूषित पानी पीने को विवश हैं.

Also Read: Save River: मेदिनीनगर में कोयल के तट पर डंप होता है कचरा, नदी में गिरती है 20 नाले की गंदगी एक फीसदी पानी ही है पीने लायक

धरती पर जितना पानी उपलब्ध है, उसमें से सिर्फ एक फीसदी पानी ही पीने योग्य है. ये पानी नदी, नालों, तालाब और कुआं में हैं. ऐसे में अगर हमने नदियों को नष्ट कर दिया, तो आने वाले दिनों में भू-गर्भ का जलस्तर घटता चला जायेगा और कालांतर में पेयजल की किल्लत हो जायेगी. जब पानी नहीं होगा, तो निश्चित तौर पर लोगों का जीवन खतरे में पड़ जायेगा.

Also Read: Save River: नदियों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा, झारखंड में इस तरह जलस्रोत को नुकसान पहुंचा रहा इंसान

रिपोर्ट- रमेश कुमार, डंडई, गढ़वा, झारखंड

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें