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Patna High Court का बड़ा फैसला, कहा- मकान मालिक असमाजिक तत्वों की मदद से नहीं कर सकते किराएदारों को बेदखल

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पटना हाईकोर्ट ने किराएदारों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि मकान मालिक असमाजिक तत्वों की मदद से किराएदार जबरन बेदखल नहीं कर सकता है.

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पटना. मकान मालिक और किराएदार का विवाद अक्सर सुर्खियों में रहता है. इससे संबंधित पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इसे किराएदारों के पक्ष में कहा जा सकता है. फैसले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मकान मालिक असमाजिक तत्वों की मदद से किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है.

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जबरन बेदखल नहीं सकते बेदखल

मामला पटना हाईकोर्ट में एक केस के सुनवाई का है. इस केस को लेकर हाईकोर्ट ने किराएदार को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसला में स्पष्ट किया कि गैरकानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की मदद लेकर किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है. न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने पटना के फ्रेजर रोड स्थित हैरिसंस होटल एवं अन्य की क्रिमिनल रीट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है.

पटना हाईकोर्ट ने ये भी कहा

पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इस प्रकृति की उच्च स्तरीय कार्रवाई जो संपत्ति को हथियाने और अवैध तरीके से एक कब्जे वाले को बेदखल कर उसे अपना कब्जा वापस पाने हेतु दीवानी मुकदमों को दर्ज करने के लिए ही प्रोत्साहित करेगा. यदि मकान मालिक के साथ पुलिस की भी मिली भगत भी हो तब भी हाई कोर्ट इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है. यदि न्यायालय इस तरह की उच्च स्तरीय कार्रवाई को स्वीकार करेगा तो कानून के शासन का कोई सम्मान नहीं करेगा और गैर कानूनी तत्व इसका फायदा उठाएंगे.

मामला क्या है

बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 24 फरवरी, 2022 की आधी रात में मकान मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से जबरन कंपनी के आफिस को खाली करा दिया और परिसर में ताला जड़ दिया था. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की. लेकिन पुलिस ने किराएदार की शिकायत पर एक्शन न लेकर मकान मालिक का साथ दिया था.

एसएसपी को कोर्ट ने दिया निर्देश

वहीं, इस मामले में कोर्ट ने पटना के एसएसपी तथा कोतवाली के थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कंपनी को तुरंत उसके होटल परिसर का दखल वापस दिलाने का निर्देश दिया है.

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