29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Mallikarjun Kharge 24 साल बाद कांग्रेस में बने नॉन-गांधी फैमिली अध्यक्ष, रिमोट कंट्रोल बने रहने की आशंका

Advertisement

वर्ष 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव कराया गया था. उसके बाद लगातार गांधी परिवार का सदस्य अध्यक्ष बनता रहा है. 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत तो मिल गई, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष का रिमोट कंट्रोल बने रहने की आशंका अब भी बरकरार है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली : राज्यसभा में प्रतिपक्ष के पूर्व नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे प्रचंड मतों से जीत हासिल करके पार्टी के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए हैं. पिछले 22 सालों में पहली बार गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता कांग्रेस का अध्यक्ष बना है. इससे पहले वर्ष 1996 में बिहार के स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीताराम केसरी अध्यक्ष बने थे. दो साल बाद ही वर्ष 1998 में उन्हें बेइज्जत करके इस पद से हटा दिया गया था. इसके बाद वर्ष 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव कराया गया था, जिसमें सोनिया गांधी को अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था. उसके बाद से लगातार गांधी परिवार का सदस्य पार्टी का अध्यक्ष बनता रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत तो मिल गई, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष का रिमोट कंट्रोल बने रहने की आशंका अब भी बरकरार है.

- Advertisement -

24 साल बाद गैर-गांधी परिवार का

बता दें कि कांग्रेस में करीब 22 साल बाद 17 अक्टूबर 2022 को पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतदान कराया गया. इसके लिए में मैदान में दो नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ताल ठोके हुए थे. इन दोनों नेताओं में मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच हुए इस चुनाव के नतीजे के बाद कांग्रेस पार्टी हो 24 साल बाद गैर-गांधी परिवार का अध्यक्ष मिला. मल्लिकार्जुन खड़गे 2021 से राज्यसभा के विपक्ष के मौजूदा नेता हैं. इससे पहले, उन्होंने 2014 से 2019 तक लोकसभा में कांग्रेस के नेता के रूप में कार्य किया.

1996 से 1998 तक कांग्रेस के अध्यक्ष थे सीताराम केसरी

बता दें कि बिहार कांग्रेस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीताराम केसरी वर्ष 1996 से 1998 तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर आसीन रहे. महज 13 साल की उम्र में स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लेने वाले सीताराम केसरी 1930 से 1942 के बीच कई बार जेल गए. वर्ष 1973 में उन्हें कांग्रेस की बिहार इकाई का अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद वे वर्ष 1980 में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष बने. वर्ष 1967 में सीताराम केसरी कटिहार लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित किए गए. इसके बाद केसरी 1971 से 2000 तक पांच बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए. गांधीवादी विचारक सीताराम केसरी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री भी रहे.

गांधी परिवार के चाटुकारों ने बाथरूम में बंद कर खोल दी थी केसरी की धोती

मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो वर्ष 1996 में बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीताराम केसरी अध्यक्ष बने, तो गांधी परिवार और उनके समर्थकों को यह रास नहीं आया. उनके अध्यक्ष बनने के बाद से ही कांग्रेस परिवार की गणेश परिक्रमा करने वाले चाटुकार नेताओं ने तोड़-तिकड़म करना शुरू कर दिया. राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा होती है कि लंबे राजनीतिक अनुभव रखने वाले सीताराम केसरी को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए गांधी परिवार के चाटुकार नेताओं ने उन्हें बेइज्जत करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी. यहां तक कि सोनिया गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए सीताराम केसरी को बाथरूम में बंद करके धोती तक खोल दी गई.

कांग्रेस में कब-कब बने गैर-गांधी परिवार के अध्यक्ष

बता दें कि भारत के आजाद होने के बाद से ही कांग्रेस पर नेहरू-गांधी परिवार का एक प्रकार से वर्चस्व स्थापित हो गया. कांग्रेस की स्थिति देखकर 1948 में हत्या किए जाने के बाद महात्मा गांधी ने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाना चाहिए. जहां तक कांग्रेस में गैर-गांधी परिवार से अध्यक्ष बनने की बात है, तो वर्ष 1960-63 में नीलम संजीव रेड्डी गैर-गांधी परिवार से अध्यक्ष बनाए गए थे.

Also Read: मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष, शशि थरूर ने दी बधाई, राहुल-प्रियंका को भी दिया धन्यवाद
इमरजेंसी में देवकांत बरूआ थे कांग्रेस के अध्यक्ष

इसके बाद 1964-67 में के. कामराज और वर्ष 1968-69 में एस. निजालिंगप्पा गैर-गांधी परिवार के अध्यक्ष बनाए गए थे. इनके बाद वर्ष 1970-71 के बीच भारतीय राजनीति में ‘बाबूजी’ के नाम से मशहूर बिहार के दिग्गज कांग्रेसी नेता जगजीवन राम कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए. बाबू जगजीवन राम के बाद वर्ष 1972-74 शंकर दयाल शर्मा कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए. हालांकि, वे देश के राष्ट्रपति भी बने. बाबू जगजीवन राम के बाद असम के देवकांत बरूआ को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, जो आपातकाल के समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें