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Chhath Puja: नहाय खाय से पहले गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़, जानें क्यों बनाया जाता है गंगाजल से प्रसाद

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Nahay Khay: लोक आस्था के इस महापर्व पर गंगा जल का खास महत्व होता है. क्योंकि पूजा का प्रसाद गंगाजल में ही बनाया जाता है. नहाय खाय के दिन चने की दाल, अरवा चावल, लौकी की सब्जी बनायी जाती है. इस विशेष भोजन को बनाने में शुद्ध घी और सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है.

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Bihar: श्रद्धा और विश्वास के महापर्व छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है. गंगा घाट और तलाबों के किनारे साफ-सफाई की जा रही है. कल शुक्रवार को नहाय खाय के साथ लोक आस्था के इस महापर्व की शुरूआत होगी. नहाय खाय को लेकर बिहार में गंगा स्नान के लिए सैकड़ों छठ व्रती स्नान करने के लिए पहुंची. सैकड़ों व्रतियों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी. लखीसराय के अलावे मुंगेर, भागलपुर, पटना और अन्य जिलों में व्रतियों ने गंगा में स्नान किया.

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भागलपुर में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़

लोकआस्था के इस महापर्व को लकेर भागलपुर जिले के गंगा घाटों पर भी सुबह से ही व्रतियों की भीड़ देखने को मिली. बरारी गंगा घाट, सुल्तानगंज के उत्तरवाहनी गंगा घाट समेत कहलगांव के बटेश्वर स्थान गंगा घाट पर हजारों श्रद्धलुओं ने आस्था की डूबकी लगायी. व्रति महिलाओं ने बताया कि 28 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ इस पावन त्योहार की शुरुआत होगी. इसके बाद 29 को खरना और 30 अक्टूबर को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा. एक नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस त्योहार का निस्तार किया जाएगा.

मुंगेर में हजारों व्रतियों ने किया गंगा स्नान

भगवान भास्कर की आराधना के लिए किया जाने वाल यह महापर्व शुक्रवार से नहाय खाय यानी कद्दू भात से शुरू हो जाएगा. नहाय खाय को लेकर मुंगेर में भी सैकड़ों महिलाओं ने गंगा स्नान कर तन व मन को शुद्ध किया. गंगा स्नान के बाद व्रती गंगा जल लेकर अपने घरों के लिए रवाना हुयी. गंगा स्नान के लिए कष्टहरणी गंगा घाट पर सर्वाधिक भीड़ नजर आई. इनमें मुंगेर शहरी क्षेत्र सहित जमालपुर, धरहरा, खड़गपुर आदि सुदूर क्षेत्र के लोग भी काफी संख्या में गंगा स्नान को यहां पहुंचे थे. इसके अतिरिक्त बबुआ घाट, सोझी घाट बेलन बाजार घाट, कंकर घाट, बेलवा घाट, दोमंठा घाट, हेरूदियारा आदि घाटों पर व्रतियों की खासी भीड़ दोपहर तक नजर आई.

पटना में जोरों पर छठ की तैयारियां

राजधानी पटना में भी छठ महापर्व को लेकर चहल-पहल दिख रही है. चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत कल नहाय-खाय से होगी. नहाय खाय को लेकर आज पटना के भी विभिन्न घाटों पर गंगा स्नान के लिए छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी. गंगाजल लेने के लिए भी सैकड़ों लोग पहुंचे. क्योंकि नहाय खाय और खरना का प्रसाद गंगा जल से ही बनाया जाता है.

जिला प्रशासन की ओर से किये जा रहे पुख्ता इंतजाम

छठ को लेकर पटना में जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. हर साल छठ पर पटना के घाटों पर काफी भीड़ होती है. इसको देखते हुए कई दिनों से निरीक्षण भी किया जा रहा है. बीते दिनों खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अधिकारियों के साथ छठ घाटों का जायजा लिया था और अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिये थे. सीएम के निर्देश के बाद पटना के गंगा घाटों पर एनडीआरएफ की टीम भी लगाई गई है. वहीं पटना नगर निगम के कर्मी भी साफ-सफाई के लिए लगाए गए हैं. इसके अलावा लाइट की विशेष व्यवस्था की गई है. घाटों के किनारे बैरिकेडिंग की गई है.

गंगा जल का इस पूजा में है खास महत्व

लोक आस्था के इस महापर्व पर गंगा जल का खास महत्व होता है. क्योंकि पूजा का प्रसाद गंगाजल में ही बनाया जाता है. नहाय खाय के दिन चने की दाल, अरवा चावल, लौकी की सब्जी बनायी जाती है. इस विशेष भोजन को बनाने में शुद्ध घी और सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है. बता दें कि बिहार में लौकी को कद्दू कहा जाता है, इस वजह से नहाय खाय को कद्दू भात भी कहा जाता है. कद्दू खाने के कई वैज्ञानिक फायदे हैं. कद्दू में 98 प्रतिशत तक पानी और शरीर के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे फास्फोरस, विटामिन्स, सोडियम, आयरन और पोटैशियम होता है. जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है.

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