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Jharkhand Foundation Day: झारखंड में विकास के लिए बने नेकलेस प्रोजेक्ट का जानें हाल

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झारखंड गठन यानी 15 नवंबर, 2000 के बाद से राज्य में विकास के लिए कई योजनाएं बनी. इसी में से एक है नेकलेस योजना. लेकिन, गुमला में ये योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. प्रभात खबर ने कई लोगों से इस योजना को लेकर राय जानी. पेश है इस मुद्दे पर लोगों की राय.

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Jharkhand Foundation Day:  झारखंड राज्य गठन के बाद गुमला शहर के विकास के लिए नित्य नयी-नयी योजनाएं शुरू हुई. वर्ष 2008 में नेकलेस प्रोजेक्ट (Necklace Project) बनाया गया था. इसमें आठ लाख रुपये भी खर्च हुआ, लेकिन गुमला शहर में इस प्रोजेक्ट के तहत काम नहीं हो सका. जिससे गुमला शहर का जितना विकास होना चाहिए. वह नहीं हो सका. शहर का विकास कैसे हो. इस मुद्दे पर लोगों ने अपनी राय दी है.

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नेकलेस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हुआ : कृष्णा

पूर्व वार्ड पार्षद कृष्णा राम ने कहा कि गुमला शहर के विकास के लिए वर्ष 2008 में एक डीपीआर बनाया गया था. उस डीपीआर का नाम नेकलेस प्रोजेक्ट था. नेकलेस प्रोजेक्ट का निर्माण ऑस्ट्रेलिया के वरचिल एंड कंपनी द्वारा किया गाया था. लेकिन, खेद के साथ कहना है कि लगभग आठ लाख रुपये खर्च करने के बावजूद इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी किसी ने अभी तक नहीं ली है. इस प्रोजेक्ट का बनने से गुमला शहर आज कुछ और नजर आता.

डीएसपी रोड में जलजमाव की समस्या : भोला

वहीं, शिक्षक भोलानाथ दास ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर गुमला के पास डीएसपी रोड में हल्की बारिश के पानी का जलजमाव होने से छात्रों के आने जाने में कठिनाई होती है. अधिवक्ता रामावतार साहू के घर के पास से पूर्व विधायक कमलेश उरांव के घर तक सड़क की चौड़ाई के बराबर अंडर ग्राउंड चेंबर बनाकर पानी के जमाव को रोका जा सकता है जो पानी के प्रवाह को दिशा दे सकेगा. इसके लिए नगर परिषद को प्लान बनाकर काम करना चाहिए.

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कोर्ट परिसर में मॉडल शौचालय बनें : आशुतोष

गुमला सिविल कोर्ट के अधिवक्ता आशुतोष कुमार ने कहा कि गुमला कोर्ट परिसर में हर दिन सैंकड़ों महिला व पुरुष का आवागमन होता है. लेकिन शौच के लिए कोई सुविधा नहीं है. कचहरी परिसर में शौचालय होना अति आवश्यक है. पूर्व में भवन बना था. परंतु वह उपयोग नहीं है. प्रशासन को चाहिए कि इधर-उधर शौचालय बनाकर जो पैसा की बर्बादी की गयी है. उससे बेहतर होता कि गुमला कोर्ट परिसर में एक मॉडल शौचालय का निर्माण हो जाता.

बाइपास का निर्माण जल्द पूरा हो : योगेंद्र

नगर परिषद के पूर्व सभापति योगेंद्र प्रसाद साहू ने कहा कि गुमला शहर को साफ और इसकी सुंदरता बढ़ाना है तो सबसे पहले बाइपास सड़क को जल्द से जल्द चालू करना आवश्यक है. उसके बाद नगर परिषद को शहर को देखते हुए स्थल का भौतिक सत्यापन कर रोड और नाली का प्राक्कलन बनाकर कार्य रूप देना होगा. शहर के अनुसार औऱ आवश्यकता अनुसार ट्रैक्टर एवं ऑटो तथा मैनपावर के लिए समुचित व्यवस्था करना होगा तथा मॉनिटरिंग करना होगा.

प्लान बनाकर विकास के काम हो : बबलू

चेंबर ऑफ कॉमर्स, गुमला के अधिकारी सह समाजसेवी बबलू वर्मा ने कहा कि गुमला शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है. कई नयी बस्तियों का भी निर्माण हुआ है. लेकिन, देखा जा रहा है कि नगर परिषद द्वारा सीमित क्षेत्रों पर ही विकास के काम किये जाते हैं. अनुरोध है. शहर के मुहल्लों का एक बार सर्वे अधिकारी करा लें. इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से प्लान बनाकर सड़क, नाली बनाये. जिससे बरसात के दिनों में जलजमाव व आवागमन की समस्या नहीं रहेगी.

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पेवर ब्लॉक निर्माण की प्रशासन जांच करे : अनिल

समाजसेवी अनिल एडवड पन्ना ने कहा कि गुमला शहर में अबतक जितने भी विकास के काम हुए हैं. सभी में भ्रष्टाचार हुआ है. नगर परिषद द्वारा मुंह देखकर ठेकेदारों को काम दिया गया. नतीजा यह है कि कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के कारण एक भी काम सही नहीं हुआ है. शहर में पेवर ब्लॉक बिछाया गया था. लाखों रुपये खर्च हुआ. लेकिन, आज कहीं-कहीं नाममात्र का पेवर ब्लॉक नजर आता है. प्रशासन इसपर जांच करें और प्लान बनाकर विकास के काम करें.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

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