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Prabhat khabar Special: जमशेदपुर में 6 शेल्टर होम, पर सैकड़ों लोग सोते हैं खुले आसमान के नीचे,जानें कारण

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जमशेदपुर शहर में छह शेल्टर होम है. इसके बावजूद सभी शेल्टर होम खाली पड़े हैं. सैकड़ों लोग आज भी खुले आसमान में सोते हैं. ठंढ को देखते हुए प्रशासन की ओर से खुले आसमान में सोने वालों को शेल्टर होम भेजने के लिए प्रयास भी किया जा रहा है.

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Prabhat khabar Special: शहरी गरीब, आश्रयविहीन या बाहर से आने वाले ऐसे लोग जिनके पास रहने की कोई व्यवस्था नहीं है. वे शेल्टर होम में आधार कार्ड दिखा रुक सकते हैं. लेकिन शहर में छह शेल्टर होम होने के बावजूद सैकड़ों लोग खुले आसमान में सोते हैं लेकिन शेल्टर होम नहीं जाते. ठंढ को देखते हुए प्रशासन की ओर से खुले आसमान में सोने वालों को शेल्टर होम भेजने के लिए प्रयास भी किये जा रहे हैं, बावजूद इसके शहर के अधिकतर शेल्टर होम खाली ही रह रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह सामान्य लोगों में जानकारी का अभाव, असुरक्षा की भावना और शेल्टर होम में साफ-सफाई का अभाव माना जा रहा है. हालांकि, एजेंसी के लोगों का दावा है कि शेल्टर होम में कहीं से भी कोई कमी नहीं है, लोग ही यहां कम आते हैं.

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मानगो बस स्टैंड शेल्टर होम में 50 लोगों की रहने की क्षमता

मानगो बस स्टैंड शेल्टर होम में 50 लोगों के रहने की क्षमता. मानगो जेपी सेतु बस स्टैंड के समीप बने शेल्टर होम में 50 पुरुषों के रहने की व्यवस्था है. इसकी देखरेख सेफ अप्रोच एजेंसी कर रही है. यहां अधिकतर मजदूरी करने वाले लोग आते हैं. शेल्टर होम के बाथरूम का दरवाजा और प्लास्टर कई जगह टूट चुके हैं. संचालक का कहना है कि यहां आने वाले लोग परिसर को गंदा कर देते हैं. सफाई होती है. लेकिन, स्थिति ज्यों की त्यों हो जाती है.

ये सभी सुविधाएं हैं फ्री

इस शेल्टर होम में आने वाले लोगों के लिए बेड के अलावा कंबल, चादर, हीटर, बिजली, पानी फ्री में उपलब्ध कराया जाता है.

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कुमरूम बस्ती सुविधाएं बेहतर, दूरी की वजह से नहीं जाना चाहते लोग

मानगो कुमरूम बस्ती शेल्टर होम में बेहतर बेड, कंबल, चादर, गीजर, पीने के पानी के लिए आरओ, इंनवर्टर की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन वहां तक जाने का रास्ता ठीक नहीं है. लोगों का कहना है कि अधिकतर लोगों को शेल्टर होम के बारे में जानकारी ही नहीं है. इस वजह से ज्यादातर समय यह खाली ही रहता है. 

शहर में शेल्टर होम की स्थिति

शेल्टर होम : रहने की क्षमता : संचालक
मानगो जेपी सेतु बस स्टैंड : 50 पुरुष : सेफ अप्रोच
किशोरी नगर : 16 (सिर्फ महिलाएं) : सेफ अप्रोच
बारीडीह चौक के समीप : 16 बेड : साईं हेल्थ केयर
बर्मामाइंस बाजार के समीप : 16 बेड : सेफ अप्रोच
मानगो दाईगुटू शेल्टर होम : 15 बेड (सिर्फ महिलाएं) : साईं हेल्थ केयर
मानगो कुमरूम बस्ती : 50 बेड : सेफ अप्रोच

शहर के शेल्टर होम के बारे में जानें

– वर्ष 2015 में शेल्टर होम का निर्माण नगर निकायों में शुरू हुआ. इससे पहले सामुदायिक भवनों में खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोगों को ठहराया जाता था. जो रात में रुकते थे. शेल्टर होम में 24 घंटे कोई भी रुक सकता है. हर तरह की सुविधा फ्री रहती है.
- मानगो कुमरूम बस्ती के शेल्टर होम का निर्माण 68 लाख 79 हजार 966 रुपये से और मानगो बस स्टैंड के समीप बने शेल्टर होम का निर्माण 53 लाख 30 हजार 154 रुपये से हुआ है
– खुले आसमान में रहने वाले बेघर लोग जिनके पास आधार कार्ड नहीं है. उनका आधार कार्ड बनाया जा रहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत जॉब भी उपलब्ध कराया जा रहा है
– नगर निकायों की ओर से समय- समय पर शेल्टर होम का औचक निरीक्षण किया जाता है. इसके अलावा शेल्टर होम कमेटी का भी गठन निकाय स्तर पर किया गया है जो इसकी देखरेख करती है
- शेल्टर होम में एजेंसी के कर्मचारी तैनात रहते हैं. जो आनेवाले लोगों की देखरेख करते हैं. इसके अलावा शेल्टर होम में आपातकालीन टेलीफोन बोर्ड पर लगाये गये हैं.
– शेल्टर होम की चयनित एजेंसी को राशि का भुगतान नगर विकास विभाग रांची की ओर से किया जाता है. तीन साल के लिए एजेंसी चयनित होती है. हालांकि, कार्यों के आधार हर साल रिनुअल होता है.
- महिला शेल्टर होम में सिर्फ महिलाओं की इंट्री रहती है. यहां पुरुषों के प्रवेश पर रोक रहता है. संचालन भी महिला ही करती है. रात्रि में एक सुरक्षा कर्मी बाहर में तैनात रहते हैं.

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रिपोर्ट : अशोक झा, जमशेदपुर.

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