21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने की मांग, SC ने केंद्र और अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Advertisement

दो समलैंगिक जोड़ों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर उनकी शादी को विशेष विवाह कानून के तहत मान्यता देने की अपील की है. याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत समानता के अधिकार व जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों की दो याचिकाओं पर केंद्र और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि को आज यानी शुक्रवार को नोटिस जारी किया है. बता दें, दो समलैंगिक जोड़ों ने अपनी याचिका में उनकी शादी को विशेष विवाह कानून के तहत मान्यता देने की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने नोटिस जारी करने से पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की ओर से दाखिल किए प्रतिवेदन पर गौर किया.

- Advertisement -

दो समलैंगिक जोड़ों ने की थी अपील: पीठ ने नोटिस पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. वहीं केंद्र सरकार और भारत के अटॉर्नी जनरल को भी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि अपनी अपील में दो समलैंगिक जोड़ों ने अपनी शादी को विशेष विवाह कानून के तहत मान्यता देने का निर्देश दिए जाने की मांग की है. हैदराबाद में रहने वाले समलैंगिक जोड़े सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग ने एक याचिका दायर की है, जबकि दूसरी याचिका समलैंगिक जोड़े पार्थ फिरोज मेहरोत्रा और उदय राज की ओर से दायर की गई है.

मान्यता नहीं देना संविधान के अनुच्छेद का उल्लंघन: गौरतलब है कि दोनों ने अपनी याचिका में एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर) समुदाय के लोगों को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत समानता के अधिकार व जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.

उच्चतम न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2018 में सर्वसम्मति से भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत 158 साल पुराने औपनिवेशिक कानून के उस हिस्से को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था जिसके तहत ‘‘सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को एक अपराध माना जाता था.”

Also Read: Shraddha Murder Case: क्या हरियाणा में मिले शव का श्रद्धा मर्डर से है संबंध! जानिए कहां तक पहुंची जांच

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें