29.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 02:23 pm
29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Measles: क्या है खसरा? किन कारणों से फैलता है ये वायरस, देशभर में इतने मामले आए सामने

Advertisement

Measles: बदलते मौसम में अक्सर बच्चों और बड़ों में कई तरह के संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है जो कि सामान्य बुखार, सर्दी-जुखाम से लेकर गंभीर खसरा तक हो सकता है. बाकी सामान्य संक्रमण को छोड़ दें तो खसरा सबसे गंभीर में एक माना जाा है, क्योंकि इसकी वजह से गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Measles: बदलते मौसम में अक्सर बच्चों और बड़ों में कई तरह के संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है जो कि सामान्य बुखार, सर्दी-जुखाम से लेकर गंभीर खसरा तक हो सकता है. बाकी सामान्य संक्रमण को छोड़ दें तो खसरा सबसे गंभीर में एक माना जाा है, क्योंकि इसकी वजह से गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है. माना जाता है कि अब खसरा खत्म हो चूका है, लेकिन झारखंड में इस संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं. जिसकी वजह से झारखंड सरकार चिंता में है. आइए जानते हैं कैसी बीमारी है ये, किन लोगों को प्रभावित करता है और क्या हैं इसके बचने के उपाय.

झारखंड के इस जिले में खसरा का प्रकोप

झारखंड में खसरा की स्थिति चिंताजनक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पूरे देश में खसरा के प्रकोप के जितने मामले सामने आये हैं, उसमें से आधे झारखंड के ही हैं. यहां खसरा से मरनेवाले बच्चों की संख्या भी देश में हुई कुल मौतों के मुकाबले 60 प्रतिशत से अधिक है. राज्य में संतालपरगना में खसरा का प्रकोप सर्वाधिक है. नवंबर के अंतिम सप्ताह में ही गिरिडीह जिले में खसरा से दो बच्चों की मौत हुई है, वहीं पूरे राज्य में अब तक नौ बच्चों की मौत हो चुकी है.

झारखंड में 120 मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2022 में झारखंड खसरा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा है. इस साल पूरे देश में खसरा के कुल 230 मामले सामने आये हैं. इसमें से 120 मामले अकेले झारखंड में पाये गये हैं.

Also Read: सर्दियों में क्यों बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले, किन लोगों को है सबसे ज्याद खतरा
खसरा क्या है

खसरा वायरस संक्रमण से होता है. इसके लक्षणों में शरीर पर दाने निकलना, बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और शरीर पर चकते का दिखना शामिल है. इसे ही अंग्रेजी में Measles बोला जाता है. संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क के अलावा उसके मुंह और नाक से बहते द्रव के हवा के माध्यम से संपर्क में आने से यह फैलता है. यह बहुत संक्रामक है.

खसरा के लक्षण

वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं. खसरे के लक्षण और लक्षणों में आम तौर पर शामिल हैं:

  • बुखार

  • सूखी खांसी

  • बहती नाक

  • गला खराब होना

  • सूजी हुई आंखें (नेत्रश्लेष्मलाशोथ)

Also Read: Skin Glowing In Winter: सर्दियों में पाएं चमकती और सॉफ्ट स्किन, अपनाएं ये टिप्स
खसरा होने के कारण क्या है?

खसरा पैरामाइक्सोवायरस परिवार के किसी सदस्य को हो तो इससे अन्य सदस्यों को भी खतरा हो सकता है. इस संक्रमण के संपर्क में एक बार आने के बाद शरीर में मौजूद कोशिकाओं पर आक्रमण करना शुरू कर देते हैं और अपने जीवन चक्र को पूरा करने के लिए सेलुलर घटकों का उपयोग करना शुरू कर देता है. खसरा का वायरस सबसे पहले श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. यह रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में भी फैलता है. यह संक्रमण केवल इंसानों में फैलता है.

शिशुओं के लिए खसरा कितना खतरनाक है?

  • बड़ों की तुलना में ये संक्रमण बच्चों में जल्दी फैलता है. इसका कारण है टीकाकरण को बताया गया है. खसरे का टीका बच्चों को तब तक नहीं दिया जाता जब तक वह कम से कम 12 महीने के नहीं हो जाते. टीके की अपनी पहली खुराक प्राप्त करने से पहले वह समय होता है जब वह खसरे के वायरस से संक्रमित होने के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.

  • 5 साल से कम उम्र के बच्चों में खसरे के कारण जटिलताएं होने की संभावना ज्यादा होती है. इनमें निमोनिया (Pneumonia), एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) और कान में संक्रमण (Ear infections) जैसी चीजें शामिल होती है. जिसके कारण सुनवाई बेहरापन की भी समस्या हो सकती है.

खसरा का इलाज

  • खसरे के संक्रमण के एक बार होने के बाद इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. उपचार में लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए आराम के उपाय प्रदान करना शामिल है, जैसे कि आराम करना, और जटिलताओं का इलाज करना या उन्हें रोकना. हालांकि, वायरस के संपर्क में आने के बाद उन लोगों की सुरक्षा के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं जिनमें खसरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता नहीं है.

  • जोखिम के बाद का टीकाकरण- खसरे के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए खसरा वायरस के संपर्क में आने के 72 घंटों के भीतर शिशुओं सहित खसरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को खसरे का टीका दिया जा सकता है. यदि खसरा अभी भी विकसित होता है, तो आमतौर पर इसके हल्के लक्षण होते हैं और यह कम समय तक रहता है.

  • इम्यून सीरम ग्लोब्युलिन- गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग जो वायरस के संपर्क में आते हैं, उन्हें प्रतिरक्षा सीरम ग्लोब्युलिन नामक प्रोटीन (एंटीबॉडी) का इंजेक्शन दिया जा सकता है. वायरस के संपर्क में आने के छह दिनों के भीतर दिए जाने पर, ये एंटीबॉडी खसरे को रोक सकते हैं या लक्षणों को कम गंभीर बना सकते हैं.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें