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CJI DY चंद्रचूड़ ने कहा- घरवालों की मर्जी के खिलाफ शादी कर सैकड़ों युवा होते हैं ऑनर किलिंग का शिकार

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सीजेआई ने कहा कि गांव में आचार संहिता और नैतिकता दंबगों द्वारा तय की जाती है. गांव के कुछ प्रमुख लोगों, कमजोर लोगों पर हावी होते हैं. यहां कमजोर लोगों को दबंगों के सामने झूकना पड़ता है.

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चीफ जस्टीस डी वाई चंद्रचूड़ ने देश में बढ़ते ऑनर किलिंग को लेकर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि देश में सैकड़ों की संख्या में लोग ऑनर किलिंग के शिकार होते हैं. उन्होंने कहा, युवा बड़ी संख्या में इसके शिकार होते हैं क्योकि वह जाति की सीमा को लांघकर अपना जीवनसाथी चुनते हैं. चीफ जस्टिस ने यह वकतव्य बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दे रहे थे.

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सीजेआई ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एख लेख का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि 15 साल की एक लड़की की घर वालों के द्वारा ऑनर किलिंग कर दी जाती है. इसके बाद गांववालों ने अपने किए की गुनाह कबूल कर ली. उन्होंने कहा कि गांववालों को अपने द्वारा किया अपराध न्यायसंगत लग रहा था, क्योकि उनकी समाजीक परंपराओं के यह मुताबिक सही था. लेकिन क्या इस तरह के कृत्य और दृष्टिकोण न्यायसंगत हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा की ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां घरवालों के खिलाफ जाकर शादी करने पर मार दिया जाता है.

दबंग तय करते हैं कमजोर लोगों की नैतिकता

सीजेआई ने कहा कि गांव में आचार संहिता और नैतिकता दंबगों द्वारा तय की जाती है. गांव के कुछ प्रमुख लोगों, कमजोर लोगों पर हावी होते हैं. यहां कमजोर लोगों को दबंगों के सामने झूकना पड़ता है. ऐसे लोगों की सहमति भले की एक मिथक है, चाह कर भी अपनी मर्जी के खिलाफ नहीं जा पाते हैं.

‘कोई मामाल छोटा या बड़ा नहीं होता’

सीजेआई ने कहा कि हमें देश के एक सामान्य नागरिक के मामले में कल हस्तक्षेप करना पड़ा. मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारे नागरिकों की स्वतंत्रताओं के संरक्षक के तौर पर हम पर विश्वास करिये. उन्होंने कहा कि देश में हर अदालत के लिए, चाहे वह जिला अदालत, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट हो, कोई मामला छोटा या बड़ा नहीं होता क्योंकि हममें कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने और स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए नागरिकों का विश्वास निहित है.

(भाषा- इनपुट के साथ)

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