13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 02:41 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Christmas 2022: यीशु के आगमन की खुशी व्यक्त करते हैं पर्व के प्रतीक

Advertisement

Christmas 2022: क्रिसमस की बीस शताब्दियां बीत चुकी हैं और अब तक न तो इसके उत्सवों की न चकाचौंध कम हुई, न ही खुशी और न ही इस पर्व का उत्साह कम हुआ है. यह पर्व पूरी दुनिया में व्यापक रूप से मनाया जाता है. यह युवा, वृद्ध, अमीर-गरीब, छोटे और बड़े, हर किसी का त्योहार है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Christmas 2022: अपने बचपन के दिनों में चरनी बनाना ही मेरे लिए क्रिसमस का असल आनंद हुआ करता था. चरनी की तैयारी क्रिसमस से कई दिन पहले शुरू हो जाती है, जो क्रिसमस के दिन तक इसके उत्साह और आनंद बढ़ा देती है. परंपरा के अनुसार, असीसी के सेंट फ्रांसिस ने बेथलहम में देखे गये एक चरनी को याद करते हुए ग्रोटो में लाइव चरनी बनवाया था. यह चरनी 1223 में ग्रीसियो में क्रिसमस की रात बनवायी गयी थी. इससे प्रेरित होकर यीशु के जन्म के दृश्यों को चरनी के माध्यम से जीवंत करने की परंपरा धीरे-धीरे पूरे यूरोप में फैल गयी.

- Advertisement -

16वीं शताब्दी में चर्च और कॉन्वेंट में क्रिसमस के छोटे दृश्य दिखाई देते थे. कुछ समय बाद वे घरों में सजावट और प्रार्थना के रूप में भी दिखाई देने लगे. चरनी गरीबी का प्रतीक है, क्योंकि माता मरियम और जोसेफ ने एक गौशाले में शरण ली थी, क्योंकि उन्हें रहने के लिए कोई जगह नहीं मिली. गौशाले में उन्हें आश्रय मिला. यीशु को धरती पर मानव रूप में भेजना ईश्वर का एक संदेश है कि मनुष्यों के उद्धारकर्ता आ चुके हैं.

क्रिसमस स्टार

क्रिसमस स्टार को कौन मिस कर सकता है? पेड़ों और घरों पर लगे रंग-बिरंगे क्रिसमस स्टार्स इस पर्व का एक प्रमुख प्रतीक बन गये हैं. क्रिसमस स्टार बेथलहम के तारे का प्रतीक हैं. बाइबिल के अनुसार, इन्हीं तारों ने तीन राजाओं और ज्ञानियों को बालक यीशु के जन्म स्थान तक पहुंचने के लिए निर्देशित किया था. तारा बहुत पहले पूरी हुई एक भविष्यवाणी और मानवता के लिए आशा का स्वर्गीय संकेत भी रहा है. आज हमारे लिए तारा उस आशा का प्रतीक है, जो हमें अपने प्रभु की ओर ले जाता है और प्रभु की आशा में हमारी आंखें स्वर्ग की ओर उठती हैं.

क्रिसमस ट्री

क्रिसमस के इस खुशी के मौसम में हर जगह क्रिसमस ट्री देखी जा सकती है. क्रिसमस ट्री की सजावट देखते बनती है, जिस पर उपहार भी लगे होते हैं. ट्री पर लगे उपहार देखने के लिए बच्चे क्रिसमस की सुबह अन्य दिनों से पहले ही उठ जाते हैं. क्रिसमस का पेड़ आमतौर पर सदाबहार देवदार का होता है, जिसे लाइट्स और झिलमिलाती चीजों से सजाया जाता है. इसके शीर्ष पर एक तारा चमकता रहता है. क्रिसमस ट्री ईसा मसीह के जन्म और पुनरुत्थान का प्रतीक है. इसकी सजावट शांति, प्रेम, दया, आनंद, अच्छाई, विश्वास, नम्रता, बाल यीशु से जुड़े सभी गुणों को दर्शाते हैं. हर बार जब हम क्रिसमस ट्री देखते हैं, तो यह हमारे भीतर की भावना को जगाता है और एहसास दिलाता है कि हमारा ईश्वर हमारे पास आया है.

दूसरों को खुशी बांटने की कला का प्रतीक सांता क्लॉज

सांता क्लॉज के बिना क्रिसमस का पर्व अधूरा है. खुशी और सद्भावना बांटने के प्रतीक के रूप में उपहार देने की पौराणिक प्रथा है. बच्चों का मानना ​​है कि हर साल क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सांता अच्छे बच्चों को उपहार बांटते हैं. कई जगहों पर बच्चे पत्र लिखते हैं, अनुरोध करते हैं, खाली मोजे लटकाते हैं और नेक बनने की कोशिश करते हैं, ताकि सांता उनकी इच्छाओं को पूरा करे और उन्हें मनचाहा उपहार दे.

सांता क्लॉज की कहानी

आधुनिक समय के सांता क्लॉज की कहानी के पीछे संत निकोलस हैं, जो एक बहुत ही उदार बिशप थे. वह चौथी शताब्दी में एशिया माइनर (अब तुर्की कहा जाता है) में मायरा नामक स्थान पर रहते थे. वह बहुत ही दयालु व्यक्ति थे और सदा गरीबों की मदद करने और जरूरतमंद लोगों को गुप्त उपहार देने के लिए जाने जाते थे. उनकी उदारता की कई कहानियों में से एक जो सबसे प्रसिद्ध है, वह एक गरीब आदमी की है, जिसकी तीन बेटियां थीं. वह आदमी इतना गरीब था कि उसके पास दहेज के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उसकी बेटियों की शादी नहीं हो पा रही थी. एक रात निकोलस ने चुपके से चिमनी के रास्ते घर में सोने के सिक्कों से भरा एक थैला गिरा दिया. तब वह गरीब पिता अपनी बेटियों की शादी कर पाया. फिर उस पिता ने मदद करने वाले इंसान को खोजने की ठानी. वह हर शाम चिमनी के पीछे छुप जाया करता था, जब तक कि उसने निकोलस को सोने की थैली गिराते हुए पकड़ नहीं लिया. निकोलस ने उससे विनती की कि उसने उसके बारे में वह किसी को न बताये, क्योंकि निकोलस खुद पर लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं करवाना चाहते थे. लेकिन जल्द ही खबर फैल गयी और जब भी किसी को कोई गुप्त उपहार मिलता, तो वह यही सोचता कि शायद यह निकोलस की ओर से तोहफा है. सांता उदारता और दूसरों को खुशी बांटने की कला का प्रतीक है. हालांकि सिर्फ प्रतीकों के जरिये क्रिसमस की पूरी व्याख्या नहीं की जा सकती है. फिर भी चरनी, तारा, क्रिसमस ट्री और सांता क्लॉज क्रिसमस के आनंद और अनुग्रह को प्रदर्शित करनेवाले महत्वपूर्ण प्रतीक हैं.

शशि तिग्गा

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें