19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 02:11 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गरीबों के लिए मसीहा थे निर्मल महतो, ब्राह्मण की बेटी की शादी के लिए दे दी थी अपनी सोने की चेन

Advertisement

जमशेदपुर और आसपास के इलाके में अगर कोई मुसीबत में पड़ता, तो निर्मल महतो (Sahid Nirmal Mahato) उसकी मदद के लिए आगे आते थे. ऐसा ही एक वाकया है, जब जमशेदपुर में एक ब्राह्मण की बेटी की शादी टूटने से निर्मल दा ने बचा ली थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

25 दिसंबर को निर्मल महतो की जयंती (Nirmal Mahato Birth Anniversary) है. उनको श्रद्धांजलि देने के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Shibu Soren) के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) खुद निर्मल दा के गांव उलियान जायेंगे. निर्मल महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता तो थे ही, गरीबी में पले-बढ़े थे. इसलिए वह गरीबों के दर्द को समझते थे. उन्होंने कई ऐसे काम किये कि गरीबों के मसीहा बन बैठे. उनके छोटे से कार्यकाल में ही झामुमो का संगठन जमीनी स्तर पर काफी मजबूत हुआ. जनसेवा के लिए निर्मल महतो ने दिन-रात एक कर दिया था.

ब्राह्मण की बेटी की शादी टूटने से बचायी

जमशेदपुर और आसपास के इलाके में अगर कोई मुसीबत में पड़ता, तो निर्मल महतो (Sahid Nirmal Mahato) उसकी मदद के लिए आगे आते थे. ऐसा ही एक वाकया है, जब जमशेदपुर में एक ब्राह्मण की बेटी की शादी टूटने से निर्मल दा ने बचा ली थी. लोग बताते हैं कि पश्चिम बंगाल से बारात आयी थी. विवाह से पहले लड़का पक्ष के लोगों ने सोने की चेन की डिमांग कर दी.

Also Read: Sahid Nirmal Mahato: चार साल में साधारण कार्यकर्ता से JMM अध्यक्ष बन गये थे निर्मल महतो, ऐसा था उनका सफर
सोने की चेन दे दी, शादी नहीं टूटने दी

लड़के वालों ने साफ कह दिया कि शादी से पहले सोने की चेन नहीं मिली, तो विवाह नहीं होगा. बारात लौट जायेगी. निर्मल महतो को इसकी खबर मिली, तो वह तुरंत वहां पहुंचे. लड़की के पिता से कहा कि आप लड़के वालों से कह दें कि आपको सोने की चेन मिलेगी. निर्मल महतो ने अपने गले से सोने की चेन उतारी और लड़की के पिता को देते हुए कहा कि आप लड़के वालों को इसे दे दें.

निर्मल महतो की मां ने दी थी सोने की चेन

निर्मल महतो की बदौलत उस ब्राह्मण की बेटी की शादी टूटने से बच गयी. विवाह संपन्न हुआ. सारी रात निर्मल महतो अपने कुछ साथियों के साथ वहीं मौजूद रहे. सुबह जब बारात विदा हो गयी, तब वहां से लौटे. निर्मल दा ने जो सोने की चेन लड़की के पिता को दी, वह चेन उनकी मां ने उन्हें दी थी. इस सोने की चेन को वह हमेशा पहनते थे. अपनी मां की निशानी देकर किसी की बेटी की शादी करवाने वाला किसी मसीहा से कम नहीं होता.

Also Read: शहीद निर्मल महतो की पुण्यतिथि कल, JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन इनकी किस छवि से थे प्रभावित
नशे के खिलाफ थे निर्मल महतो

इतना ही नहीं, वह किसी भी प्रकार के नशा के खिलाफ थे. न तो खुद शराब पीते थे, न किसी को पीने देते थे. यहां तक कि वह सिगरेट भी नहीं पीते थे. इसके खिलाफ लगातार अभियान चलाते थे. शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को गिरफ्तार करवाने में मदद करते थे. इसके साथ ही वे साहूकारी व्यवस्था के खिलाफ खिलाफ थे. दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तरह निर्मल दा भी सूदखोरों से लड़ते थे.

सूदखोरों के आतंक को किया खत्म

कहते हैं कि 80 के दशक में जमशेदपुर में सूदखोरों ने आतंक मचा रखा था. टिस्को, जो अब टाटा स्टील बन चुका है, में काम करने वाले श्रमिकों को सूदखोर अपने जाल में फंसा लेते थे. जिस दिन वेतन मिलता था, सूदखोर गेट पर खड़े रहते थे और श्रमिकों से पैसे छीन लिया करते थे. निर्मल महतो को इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने सूदखोरों की खूब खबर ली. हॉकी स्टिक से उनकी पिटाई की. इसके बाद सूदखोरों का आतंक धीरे-धीरे खत्म हुआ.

Also Read: निर्मल महतो के सपनों का झारखंड बनाने के लिए काम करें : हेमंत सोरेन
…और निर्मल महतो की हो गयी हत्या

एक दिन ऐसा भी आया, जब पूर्वी सिंहभूम के उलियान गांव में 25 दिसंबर 1950 को जगबंधु महतो और प्रिया बाला महतो के घर जन्मे निर्मल महतो को घात लगाकर बैठे लोगों ने 8 सितंबर 1987 को गोलियों की बौछार कर दी. जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस के बाहर उन्हें तीन गोली लगी और घटनास्थल पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया. जमशेदपुर वर्कर्स यूनियन हाई स्कूल से मैट्रिक और को-ऑपरेटिव कॉलेज से स्नातक की शिक्षा हासिल करने वाला युवा नेता छोटी उम्र में इस दुनिया से चला गया.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें