21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:26 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Rajasthan: जयपुर के दो वन अभयारण्यों में बढ़ी तेंदुओं की आबादी, इंसानों के साथ हो रहा टकराव

Advertisement

Rajasthan: जयपुर में झालना तेंदुआ अभयारण्य और अंबागढ़ तेंदुआ अभयारण्य में 40 तेंदुए हैं. झालना के बाद जयपुर में अंबागढ़ दूसरा तेंदुआ संरक्षण है. दोनों मिलाकर 36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हैं और उन्हें जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग अलग करता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Rajasthan: जयपुर के झालना तेंदुआ अभयारण्य समेत दो जंगलों में तेंदुओं की आबादी बढ़ने से शहरी इलाकों में इंसान-जानवर टकराव की घटनाएं हर दिन के साथ बढ़ती जा रही है. तेंदुओं की संख्या 2022 में बढ़कर 40 हो गयी है जो 2012 में 12 थी. यह एक दशक में 200 फीसदी से अधिक का इजाफा है. तेंदुओं की आबादी में वृद्धि वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है लेकिन इसने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि तेंदुआ अक्सर शहर के आबादी वाले इलाकों में घुस जाता है.

- Advertisement -

झालना अभयारण्य में बढ़ी है तेंदुओं की संख्या: विशेषज्ञों ने कहा कि जंगलों में शिकार आधार बढ़ाने से तेंदुओं को उनके प्राकृतिक पर्यावास में रखने में मदद मिलेगी क्योंकि अक्सर वे भोजन की तलाश में या कम जगह होने के कारण दूरदराज के इलाकों में निकल पड़ते हैं. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्ष में झालना अभयारण्य में संरक्षण कार्यों के कारण तेंदुओं की तादाद सबसे ज्यादा बढ़ी है. इस वन में अब कई तेंदुए हैं.

झालना और अंबागढ़ तेंदुआ अभयारण्य में 40 तेंदुए: झालना तेंदुआ अभयारण्य में रेंजर जनेश्वर चौधरी ने कहा, ‘‘ताजा आंकड़ों के अनुसार, जयपुर में झालना तेंदुआ अभयारण्य और अंबागढ़ तेंदुआ अभयारण्य में 40 तेंदुए हैं. झालना के बाद जयपुर में अंबागढ़ दूसरा तेंदुआ संरक्षण है. दोनों मिलाकर 36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हैं और उन्हें जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग अलग करता है. दोनों में से 20 वर्ग किलोमीटर अधिक क्षेत्र के साथ झालना ज्यादा बड़ा और पुराना तेंदुआ संरक्षण क्षेत्र है जहां 40 में से ज्यादातर तेंदुए रहते हैं.

चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य में झालना में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि सबसे अधिक है. इसकी मुख्य वजह सुरक्षात्मक माहौल और प्रभावी निगरानी है. उन्होंने कहा कि आदर्श रूप में 36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 10-12 तेंदुए होने चाहिए लेकिन वहां 40 तेंदुए हैं.

शहरी इलाकों में चले जाते हैं तेंदुए: चौधरी ने कहा कि जंगल की 24 घंटे कैमरों के जरिए निगरानी की जाती है. उनके अनुसार लगातार निगरानी के साथ ही अभयारण्य के आसपास चारदीवारी ने जंगल क्षेत्र में अवैध गतिविधि पर विराम लगाया है. अधिकारी ने कहा कि बहुत कम क्षेत्र होने के कारण तेंदुए जंगल से बाहर के आसपास के शहरी इलाकों में चले जाते हैं और कई बार सड़क दुर्घटनाओं का शिकार बन जाते हैं.

उन्होंने कहा कि रात के समय तेंदुओं के शहरी इलाकों की तरफ जाने की घटनाएं अक्सर होती है. उनके अनुसार कुछ मामलों में तेंदुओं के लोगों के घरों में घुसने की खबर मिलती है जिससे जनता में भय पैदा हो जाता है. अधिकारी के अनुसार हालांकि, उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया.

झालना में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे वन्यजीव विशेषज्ञ धीरज कपूर ने कहा कि तेंदुए शर्मिले होते हैं और अगर उन्हें परेशान किया जाता है तो वे अपने क्षेत्र से बाहर चले जाते है. उन्होंने कहा कि जंगल में शिकार का आधार बढ़ाने के प्रयास पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘तेंदुओं की अच्छी-खासी आबादी और शाकाहारी शिकार के लिए पर्याप्त चारागाह की कमी को देखते हुए शिकार के आधार में हृास दिखाई देता है.

हिरणों की संख्या बढ़ाने की जरूरत: वन विभाग ने करीब 100 हेक्टेयर क्षेत्र में से बिलायती बबूल के पेड़ हटाए हैं और वहां चित्तीदार हिरणों की आबादी बढ़ाने के लिए घास के मैदान बनाए हैं. कपूर ने कहा कि स्वस्थ हिरणों की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘शहरी इलाके के बीच में स्थित झालना जैसे जंगल में वन्यजीव से किसी भी तरह की छेड़छाड़ उन्हें उनके क्षेत्र से बाहर निकाल देगी और मनुष्यों के निवास के समीप ले जाएगी जिससे इंसान-जानवर टकराव होगा.

मालवीय नगर में रहने वाले अभय सिंह ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि झालना वन में आबादी बढ़ रही है लेकिन साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका निवासियों पर नकारात्मक असर न पड़े. जब कोई तेंदुआ रिहायशी इलाकों में घुसता है तो अफरातफरी मच जाती है. जयपुर देश का इकलौता ऐसे शहर है जहां दो तेंदुआ अभयारण्य हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें