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बांग्लार बाड़ी योजना : आवास के साथ-साथ ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार भी

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लार बाड़ी योजना के तहत घर बनाने का काम कर्मसाथी से जुड़े श्रमिकों से कराना होगा.

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राज्य सरकार की बांग्लार बाड़ी योजना से जगी उम्मीद

कोलकाता. केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को मनरेगा व प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत फंड का आवंटन बंद कर दिया है. इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. इसी बीच, राज्य सरकार ने मनरेगा के तर्ज पर कर्मसाथी योजना की शुरूआत की है. इसके तहत मनरेगा श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है. राज्य ने बांग्लार बाड़ी योजना के तहत आवास बनाने के लिए फंड भी मुहैया कराया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लार बाड़ी योजना के तहत घर बनाने का काम कर्मसाथी से जुड़े श्रमिकों से कराना होगा. इससे ग्रामीणों को आवास के साथ-साथ रोजगार का भी अवसर मिलेगा.

योजना के तहत केंद्र ने राज्य को बंद कर दिया है फंड देना

पहले केंद्र पीएमएवाई के तहत 60 प्रतिशत राशि प्रदान करता था, जबकि राज्य 40 प्रतिशत देता था. वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद 2022 में केंद्र ने राज्य को फंड देना बंद कर दिया. आरोप था कि इस योजना का लाभ सिर्फ सत्तारूढ़ दल के करीबी लोगों को मिल रहा है. इस साल की शुरुआत में पुरुलिया, पश्चिम बर्दवान, हुगली, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों में ऐसे आरोपों को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी हुए थे.

बीडीओ को ईंट-भट्ठा मालिकों के साथ बैठक करने का निर्देश

राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि आवास योजना के लिए ईंट से लेकर कंट्रक्शन के अन्य सामान स्थानीय बाजार से ही मुहैया कराया जाये. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति तेज होगी. राज्य के इस फैसले के बाद जिलाधिकारियों ने सभी बीडीओ को उनके क्षेत्र में स्थित ईंट-भट्ठे मालिकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है और कहा है कि आवास योजना के तहत मुहैया कराये जाने वाले ईंट अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए.

योजनाओं पर निगरानी के लिए लॉन्च होगा ऐप

बांग्लार बाड़ी योजना पर निगरानी के लिए राज्य सरकार ने एक ऐप भी लॉन्च करने का फैसला किया है. योजना का प्रत्येक स्तर पर निरीक्षण करने के लिए विशेष ऐप लॉन्च किया जायेगा. राज्य सरकार के अधिकारी सशरीर मकानों का निरीक्षण करेंगे और ऐप के माध्यम से इसकी जानकारी अपलोड की जायेगी. पंचायत विभाग ने निर्देश दिया है कि ब्लॉक स्तर के अधिकारी बांग्लार बाड़ी योजना के तहत घरों की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे. साथ ही भौतिक निरीक्षण के लिए प्रत्येक घर का दौरा भी करेंगे.

राज्य सरकार के फैसले से ईंट-भट्ठे के मालिक हुए गदगद

राज्य सरकार के इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट-भट्ठे मालिक काफी खुश हैं. क्योंकि कोविड के बाद शहरी क्षेत्रों में विकास गति तेज हुई हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. ईंट-भट्ठे के मालिकों का कहना है कि पिछले चार-पांच वर्षों से व्यवसाय में मुनाफा मन-मुताबिक नहीं हो रहा है. कोविड-19 और अम्फन ने उनलोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस मार से उबरे ही थे कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच केंद्र ने आवाज योजना के लिए फंड देना बंद कर दिया. व्यवसायियों के मुताबिक, 2023 में उनलोगों को यह खबर मिली थी कि केंद्र सरकार आवास योजना के लिए फंड देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ऐसे में राज्य सरकार ने ‘बांग्लार बाड़ी योजना’ के तहत राशि देने की घोषणा कर दी. इस योजना के तहत लोगों को 60 हजार रुपये मिल रहे हैं. इससे उनलोगों की उम्मीदें भी जगी हैं.

बांग्लार बाड़ी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति में आयेगी तेजी

राज्य सरकार बांग्लार बाड़ी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले जरूरतमंदों को मकान बनाने के लिए राशि दे रही है. इस योजना से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के ईंट-भट्ठा मालिकों के कारोबार में वृद्धि होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि राज्य भर में करीब 2109 पंजीकृत ईंट-भट्ठे हैं, इसके अलावा गैर-पंजीकृत भट्ठों की संख्या भी कम नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में आवास तैयार होने से इन क्षेत्रों के ईंट-भट्ठे मालिकों के कारोबार में विस्तार होगा. सिर्फ यही नहीं, वहां से कंट्रक्शन मैटेरियल की बिक्री भी बढ़ेगी. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति और तेज होगी. ईंट भट्ठे मालिकों को अब उम्मीद है कि उनके भट्ठा में कई महीनों से जमा हुईं ईंटें अब बिक जायेंगी. गौरतलब है कि लोगों के खातों में रुपये आने शुरू हो गये हैं और लोगों ने ऑर्डर देना भी शुरू कर दिया है. बताया गया है कि जिन 12 लाख अभ्यर्थियों को योजना का रुपया मिला है, उनको दूसरी किस्त तभी मिलेगी, जब तक पहली किस्त की राशि से अपने घर का निर्माण शुरू करेंगे.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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