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Giridih News :रेलवे फाटक के पास लगने वाले जाम से लोग परेशान

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Giridih News :दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर सरिया बाजार स्थित रेलवे समपार फाटक संख्या 20बी 3टी पर प्रतिदिन जाम लग जाती है. इससे सरियावासियों सहित इस रूट में चलने वाले हजारों वाहन प्रतिदिन जाम में फंसकर घंटों परेशान रहते हैं.

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आगे निकलने की होड़ में घंटों फंसे रहते हैं वाहन चालक दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर सरिया बाजार स्थित रेलवे समपार फाटक संख्या 20बी 3टी पर प्रतिदिन जाम लग जाती है. इससे सरियावासियों सहित इस रूट में चलने वाले हजारों वाहन प्रतिदिन जाम में फंसकर घंटों परेशान रहते हैं. इन दिनों रांची-दुमका मार्ग पर वाहनों का दबाव इस कदर बढ़ गया है कि सुबह लगभग छह के बाद से रात्रि 10 बजे तक दो पहिया वाहन से लेकर हजारों बड़े वाहनों की आवाजाही लगी रगती है. इधर, दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर प्रत्येक पांच-छह मिनट में रेलगाड़ियों का परिचालन भी लगा रहता है. रेलगाड़ियों के आने-जाने के क्रम में रेल विभाग द्वारा रेलवे फाटक बंद कर दिया जाता है. इस बीच सड़क के दोनों ओर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. रेलवे फाटक खुलने के बाद आगे निकलने के चक्कर में दो पहिया वाहन चालकों के कारण सड़क पर जाम लग जाती है. सड़क के बीचो-बीच डिवाइडर नहीं रहने के कारण भी लोग सड़क के नियमों की अनदेखी करते हैं. कभी स्थिति ऐसी हो जाती है कि आगे निकलने के चक्कर में दोनों तरफ के वाहन रेलवे पटरी पर आकर फंस जाते हैं. इसके कारण मालगाड़ियां भी खड़ी हो जाती हैं. दो-दो किमी तक खड़े रहते हैं वाहन इस बीच गाड़ियों को रेंगना तो दूर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है. रेलवे फाटक के दोनों साइड गाड़ियों की दो किमी तक वाहनों की कतार लग जाती है. सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारों से बाजार में खरीद-बिक्री करने वालों को भी परेशानी होती है. सड़क के उत्तर दिशा की ओर नेताजी सुभाष चौक तथा दक्षिण की ओर सरिया थाना तथा पूर्व की ओर डाक बंगला चौराहा तक वाहनों की कतार लग जाती है. इस भयंकर जाम के कारण आम लोगों की गाड़ियों के साथ कई एंबुलेंस भी फंसते हैं. इसके कारण रास्ते में मरीज दम तोड़ देते हैं. इस भीड़ से निजात दिलाने में अब तक कोई स्थायी/अस्थायी विकल्प ना निकल पाया है और न ही सरिया प्रशासन और आरपीएफ इसको लेकर सक्रिय है. अत्यधिक जाम होने की स्थिति में आरपीएफ के कुछ जवान रेलवे गेट के पास तैनात रहते हैं, जो सिर्फ रेलवे फाटक को क्लियर करने में अपनी भूमिका निभाते हैं. इस दौरान सिग्नल पर कई मालगाड़ियां कुछ मिनट तक खड़ी हो जाती हैं. भीड़ की समस्या इतनी बढ़ गयी है कि जाम में फंसे लोग ठंड में ठिठुरते नजर आते हैं. पिछले दिनों सरिया बाजार की सड़कों पर जाम इस प्रकार थी कि जाम में फंसे लोगों को अपने वाहनों के साथ दो-दो घंटे तक सड़कों पर खड़ा रहना, जिसमें कई एंबुलेंस भी थे. एंबुलेंस में मरीज दर्द से कराहते रहे. लेकिन, रेलवे गुमटी सरिया पर लगी जाम टस से मस नहीं हो रही थी. एंबुलेंस में सवार लोग लाचार दिख रहे थे. ऐसी हालत में कई बार स्थानीय समाजसेवी व युवाओं की टोली खुद ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में जुट जाते हैं. छोटी गाड़ियों को बगल से बने ग्रामीण सड़क से धीरे-धीरे निकाला जाता है. तब जाकर एंबुलेंस को रास्ता मिलता और वह अपने गंतव्य की ओर जाती है. जाम में फंसे लोगों की मानें पूरे सफर में जितना समय लगता है, उससे ज्यादा परेशानी इस रेलवे फाटक पर होती है. गाड़ी में भूख-प्यास से बच्चे भी परेशान रहते हैं. हमारी सुनने वाला कोई नहीं. जाम में फंसे लोग यदि वापस लौटना भी चाहते हैं, तो वह ऐसा भी नहीं कर सकते हैं. आरओबी भी जाम का बड़ा कारण मालूम रहे इन दिनों सड़क जाम के स्थायी समाधान के लिए रेलवे फाटक सरिया के पास रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है. लेकिन, संवेदक ने निर्माण कार्य के पूर्व ना तो ढंग से सर्विस रोड गया है और ना ही बिजली के खंभे को सड़क से किनारे किया जा है. इधर, निर्माण कार्य को लेकर पिलर के लिए किए जाने वाले गड्ढे से निकलने वाले गाद व पानी बीच सड़क पर बहता है. इसके कारण कारण भी लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है तथा जाम की समस्या लगी रहती है. इससे निजात दिलाने के लिए कोई गंभीर नहीं है. क्या है समाधान सड़क पर चलने वाले लोग यदि अपने वाहनों को सड़क की एक ओर स्वयं वाहन खड़ा करें या प्रशासन के लोग जाम से मुक्ति दिलाने को लेकर रेलवे फाटक के पास वाहनों को एक लाइन में कतारबद्ध खड़ा करवाये, तो जाम की स्थिति पैदा नहीं होगी. प्रशासनिक निगरानी नहीं होने के कारण लोग जैसे-तैसे वाहनों को खड़ा करके जाम की स्थिति पैदा कर देते हैं. स्थानीय लोगों की माने तो रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण तो अच्छी पहल है, लेकिन निर्माण कार्य के पहले ठेकेदार को सड़क के दोनों और बेहतर डायवर्सन बनाना चाहिए था, ताकि गाड़ियां आसानी से निकल सकें. सड़क से कीचड़ और डायवर्सन में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण भी इस रेलवे फाटक पर जाम लग रहा है. इस पर अधिकारियों को विचार करने की आवश्यकता है. वहीं, बाइपास की वैकल्पिक व्यवस्था भी जरूरी है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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