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सर्द हवा से वादियों जैसी ठंड, तापमान में गिरावट जारी

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लगातार चौथे दिन शनिवार को भी आसमान में बादल घिरे रहे. स्थिति यह रही कि बादलों की आगोश में छिपे सूर्य देव के लोगों को दोपहर एक बजे दर्शन तो हुए, लेकिन इस दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा का बहाव भी बना हुआ था.

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भभुआ सदर. लगातार चौथे दिन शनिवार को भी आसमान में बादल घिरे रहे. स्थिति यह रही कि बादलों की आगोश में छिपे सूर्य देव के लोगों को दोपहर एक बजे दर्शन तो हुए, लेकिन इस दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा का बहाव भी बना हुआ था. दोपहर तीन बजे सर्द हवाओं के बहने से पुनः जबर्दस्त ठंड बढ़ गयी. इधर तापमान में भी गिरावट जारी है. कृषि विज्ञान केंद्र के लघु मौसम माप केंद्र में शनिवार को न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, दिन का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहा. इस बीच मौसम विज्ञानियों ने अगले पांच दिनों तक ठिठुरन बने रहने की संभावना जतायी है. पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने के कारण ठंड में अभी कनकनी बनी रहेगी. मौसमविदों के मुताबिक एक दूसरा पश्चिमी विक्षोभ दो दिन बाद भी सक्रिय हो रहा है. इसी में उत्तर के वादियों में बर्फबारी जारी है, जिसके चलते कनकनी और सिहरन काफी बढ़ गयी है. जानकारों का कहना है कि मौसम में सिहरन का अहसास दिन के पारा पर निर्भर करता है. शनिवार को एक बार दोपहर 1.19 बजे बादलों को चीर सूर्य के प्रकाश का फैलाव तेजी से धरती पर पड़ते दिखा, लेकिन 10 मिनट में ही दोबारा से बादलों में गुम हो गये. दूसरी बार दो बजे लगभग एक घंटे के लिए सूर्य ने दर्शन तो दिये, पर ताप का असर ना के बराबर ही बना हुआ था. दूसरी ओर सुबह में घना कोहरा छाया रहा, जो हवा के कारण लगभग 10 बजे कमजोर तो पड़ गया, लेकिन आसमान में आच्छादित जल वाष्प की संघनित बूंदों के कारण सूर्य के दर्शन दोपहर 12 बजे से पहले नहीं हो सका. इनसेट सब्जियों की फसलों पर ठंड की मार, बढ़ी किसानों की चिंता भभुआ सदर. पिछले चार दिनों में बढ़ी जबर्दस्त ठंड व इस बीच खुलकर धूप नहीं निकलने से खेतों में लहलहा रही सब्जी की फसलों पर अब ठंड की मार पड़ने लगी है. ठंड की चपेट में आने से आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में आने लगी है. वहीं, टमाटर, सरसों तथा प्याज की नर्सरी पर भी ठंड का असर दिखने लगा है. ठंड की मार से गोभी में बन रही फूल व पत्तियां भी अब कुम्हलाने लगी है, इससे सब्जी की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. किसान अपनी सब्जी की फसल को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, दिन में बादल घिरने के कारण खिलकर धूप नहीं निकल पा रही है. गौरतलब है कि भभुआ अनुमंडल क्षेत्र के किसान व्यापक पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं. इस समय खेतों में गोभी, बैगन, साग, टमाटर तथा आलू की फसल लहलहा रही है. इधर, लोकल स्तर पर तैयार गोभी की आवक भी बाजार में बढ़ने लगी थी, लेकिन इस बीच मौसम का मिजाज बदल गया, पिछले चार दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. पूरे दिन आसमान में बादल घिरने से धूप नहीं निकल रही है. पूरे दिन बादलों और सूरज की किरणों के बीच लुकाछिपी चल रही है, हवाएं भी सर्द हो गयी है. मौसम के इस बदले मिजाज से सब्जियों की फसल पर ठंड की मार पड़ने लगी है. किसान दिनेश सिंह, लालजी सिंह, भरत विंद, दीपनारायण राम ने बताया कि ऐसी सब्जियां जिसकी पत्तियों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे आलू, टमाटर, प्याज की नर्सरी, पपीता व सरसों की फूल पर ठंड की मार पड़ने लगी है. ठंड का सबसे अधिक असर आलू तथा प्याज की नर्सरी पर पड़ा है. आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में आ सकती है, इससे किसानों की चिता बढ़ गयी है. = ठंड से बचाने के लिए खेतों के आसपास धुआं करे किसान कृषि वैज्ञानिक अमित कुमार ने बताया कि ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए किसान आलू, टमाटर व प्याज की नर्सरी के खेतों के आसपास चारों ओर धुआं करें. चार-पांच दिन के अंतराल पर शाम के समय खेतों में थोड़ा सा पटवन जरूर करें. रीडोमिल नामक पाउडर एक लीटर पानी में दो ग्राम दवा मिलाकर छिड़काव करें या फिर डाइथेन एम-45 नामक दवा के छिड़काव से पाला या झुलसा के प्रकोप से फसल को बचाया जा सकता है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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