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Dhanbad News : बीआइएस के माध्यम से इंडस्ट्रीज को मिलता है लाभ : संयुक्त निदेशक

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भारतीय मानक ब्यूरो ने स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को होटल रेडिसन में इंडस्ट्री मीट हुआ. कार्यक्रम में धनबाद और आसपास के आठ जिलों से 70 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया. हितधारकों की भागीदारी को बढ़ाना और उद्योगों में मानकों को अपनाने में तेजी लाने पर चर्चा की. बीआइएस के संयुक्त निदेशक कौशलेंद्र कुमार ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और मानक निर्माण में मध्यम और बड़े उद्योगों की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने स्टैंडर्डाइजेशन सेल्स, वार्षिक मानकीकरण कार्यक्रम, शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौतों उद्योगों की सक्रिय भागीदारी, ”मानक मंथन” और यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम जैसी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने व्यवसाय के लिए बीआइएस प्रमाण के महत्व को भी समझाया. उन्होंने कहा बीआइएस के माध्यम से उद्योग कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

एमएसएमइ के विभिन्न सरकारी पहलुओं की दी गयी जानकारी :

मुख्य अतिथि एमएसएमइ के सहायक निदेशक दीपक कुमार ने एमएसएमइ के विभिन्न सरकारी पहलुओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एमएसएमइ का समर्थन करने के लिए कई योजनाएं बनायी हैं, खासकर उन व्यवसायों के लिए जिन्होंने अपना उद्यम पंजीकरण पूरा करा लिया है. विशिष्ट अतिथि जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी को पुनः शुरू करने की मांग की. बीआइएस के संयुक्त निदेशक प्रभु नाथ यादव ने हितधारकों की भागीदारी बढ़ाने, मानक प्रवर्धक कार्यक्रम, स्मार्ट पहल, अंतरराष्ट्रीय प्रभाव, क्षमता निर्माण, बीआइएस मानकों के महत्व और प्रमाणन प्रक्रिया पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

भारतीय मानक ब्यूरो ने स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को होटल रेडिसन में इंडस्ट्री मीट हुआ. कार्यक्रम में धनबाद और आसपास के आठ जिलों से 70 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया. हितधारकों की भागीदारी को बढ़ाना और उद्योगों में मानकों को अपनाने में तेजी लाने पर चर्चा की. बीआइएस के संयुक्त निदेशक कौशलेंद्र कुमार ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और मानक निर्माण में मध्यम और बड़े उद्योगों की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने स्टैंडर्डाइजेशन सेल्स, वार्षिक मानकीकरण कार्यक्रम, शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौतों उद्योगों की सक्रिय भागीदारी, ”मानक मंथन” और यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम जैसी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने व्यवसाय के लिए बीआइएस प्रमाण के महत्व को भी समझाया. उन्होंने कहा बीआइएस के माध्यम से उद्योग कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

एमएसएमइ के विभिन्न सरकारी पहलुओं की दी गयी जानकारी :

मुख्य अतिथि एमएसएमइ के सहायक निदेशक दीपक कुमार ने एमएसएमइ के विभिन्न सरकारी पहलुओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एमएसएमइ का समर्थन करने के लिए कई योजनाएं बनायी हैं, खासकर उन व्यवसायों के लिए जिन्होंने अपना उद्यम पंजीकरण पूरा करा लिया है. विशिष्ट अतिथि जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी को पुनः शुरू करने की मांग की. बीआइएस के संयुक्त निदेशक प्रभु नाथ यादव ने हितधारकों की भागीदारी बढ़ाने, मानक प्रवर्धक कार्यक्रम, स्मार्ट पहल, अंतरराष्ट्रीय प्रभाव, क्षमता निर्माण, बीआइएस मानकों के महत्व और प्रमाणन प्रक्रिया पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी.

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