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स्वास्थ्य केंद्र के विस्तार को दान में मिली जमीन पर बनायी जल परियोजना

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हाइकोर्ट ने परियोजना बंद करने का दिया आदेश

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हाइकोर्ट ने परियोजना बंद करने का दिया आदेश

कोलकाता.दक्षिण 24 परगना के रायदिघी में राज्य सरकार को स्वास्थ्य केंद्र के विस्तार के लिए एक व्यक्ति ने तीन एकड़ जमीन दान में दी थी. लेकिन सरकार ने उक्त जमीन पर जल परियोजना का निर्माण शुरू कर दिया. इसे लेकर राज्य सरकार को कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सवालों का सामना करना पड़ा. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य ने जल परियोजना को बंद करने का आदेश दिया है. फरवरी में मामले की फिर सुनवाई होगी. बताया गया है कि करीब पांच दशक पहले रायदिघी के कालीनगर इलाके में पुरंदरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बेडों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य के अनुरोध के जवाब में क्षेत्र के एक परिवार ने लगभग तीन एकड़ जमीन दान की थी. लेकिन इतने सालों में उस स्वास्थ्य केंद्र में बेडों की संख्या छह से 10 तक नहीं पहुंच पायी है. साथ ही उस जमीन पर जल परियोजना शुरू कर दी गयी है. संबंधित परिवार ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाइकोर्ट में मामला दायर किया है. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि मालिक ने 1976 में जमीन दान दी थी. लेकिन उस जमीन पर जल परियोजना का निर्माण किया जा रहा है. कोर्ट ने राज्य के पीएचई विभाग के सचिव से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. दस्तावेजों की जांच के बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य सरकार ने 1976 में 10 बेड वाले अस्पताल की योजना बनायी थी. लेकिन अब इसमें 100 बेड होने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने के लिए एक व्यक्ति से जमीन देने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने जमीन भी इसी उद्देश्य से दी थी. इसलिए वहां कोई अन्य कार्य नहीं किया जा सकता.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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