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नववर्ष पर मंदिरों में पूजा-अर्चना कर मांगी सुख-समृद्धि

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नववर्ष पर कृषि फार्म सहित मंदिरों व म्यूजियम में उमड़ी भीड़

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नवादा कार्यालय. नवर्ष 2025 के पहले दिन बुधवार की अहले सुबह से सड़कों पर युवाओं का जोश व बच्चों का उत्साह दिखने लगा. नये साल का जश्न मनाने के लिए लोगों का उत्साह चरम पर रहा. शहर के विभिन्न धार्मिक स्थानों के अलावे कृषि फार्म व अन्य स्थानों पर लोग जुगाड़ बनाकर नये साल की खुशियां मनाते दिखे. लेकिन, पूर्व से नवादा शहर में नया साल पर पिकनिक मनाने के लिए व्यवस्थित स्थल नहीं होने का लोगों में मलाल रहा है. नगर पर्षद व प्रशासन की उपेक्षा के कारण आज तक नवादा शहर में कोई भी मुलभूत सुविधाएं यहां के लोगों को नहीं मिल सकी है. शहर के कुछ चुनिंदे पिकनिक स्पाॅट पर लोग नये साल का पिकनिक मनाने जुटे. साल दर साल बीतता जा रहा है, परंतु यहां के लोगों को मनोरंजन के लिए आज तक कोई ऐसा स्थान नहीं मिल सका है, जहां पूरे परिवार के साथ पिकनिक मनाने का एंज्वाय कर सकें. शहर का एक मात्र पिकनिक स्पाॅट कृषि फार्म है, जहां लोग खाना बनाने के साथ ही मस्ती का मजा लेने पूरे परिवारों के साथ गाजे-बाजे लेकर जुटे. लेकिन, यहां भी कोई सुविधाएं नहीं होती है. लोग अपने स्तर से ही सभी व्यवस्था कर यहां पहुंचते हैं. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है, जहां लोग पूरे परिवार के साथ खाना बनाने व मौज-मस्ती करने के लिए एकत्रित हो सके. नये साल का उत्सवी माहौल हर ओर दिखने को मिला. बाजार में कई दुकाने भी बंद रही. दोपहर बाद ठंड में कमी आने के बाद लोग घुमने के लिए बडी संख्या में निकले.

आर्दश वाटर पार्क व आदर्श सिटी:

शहर के जाने-माने समाज सेवी राजीव सिन्हा ने अपने शहर में दो ऐसी व्यवस्था दी है, जिसके लिये लोग सपना देखा करते थे. टूरिस्ट प्लेस के जैसा लोगों को नया साल पर उत्साह मनाने का बेहतर संसाधन मिला. शहर से दो किलोमीटर दूर गया रोड स्थित कृषि फार्म के दक्षिण में बने आदर्श सिटी में स्वीमिंग, झूला, खाने का स्टाॅल के अलावा मनमोहक वातावरण में लोगों ने एंज्वाय किया.

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कृषि फार्म:

शहर से दो किलोमीटर दूर स्थित कृषि फार्म पिकनिक स्पाॅट पर लोग पहुंचे. कुछ परिवार के साथ भोजन आदि बनाकर पिकनिक का आनंद लिया. शहर में यही एक मात्र जगह है, जहां लोग खाना बनाने से लेकर परिवारों के साथ एंज्वाय करते हैं.

शोभनाथ मंदिर:

शहर के प्रसिद्ध पंचमुखी महादेव बाबा शोभमंदिर में लोग नये साल पर पूजा-अर्चना के साथ प्राकृतिक छटा का लुत्फ उठाये. मंदिर के समीप तालाब से दक्षिण पिकनिक स्पाॅट बना दिखा. कई लोग पूजा पाठ के साथ खूब मौज-मस्ती की.

दिगंबर जैन मंदिर:

पटना जाने वाली मार्ग गोनावां में सड़क किनारे बना यह मंदिर में स्थानीय लोगों के अलावा दर्जनों बड़े बसों से देश के विभिन्न स्थानों के जैन पर्यटकों की भारी भीड रही. यहां हर साल सैलानियों का अना-जाना रहता है. नये साल पर स्थानीय लोग मंदिर में केवल दर्शन करने व घुमने फिरने आते हैं. मंदिर के अंदर बना स्तम्भ लोगों को आर्कषित कर रहा था. यह स्तंभ अहिंसा का प्रतिक माना जाता है. महावीर स्वामी के प्रथम गणधर ने यही ज्ञान प्राप्त किया था साथ ही उनकी निर्वाण भूमि भी यह है.

नारदः संग्रहालय:

शहर के बीचो-बीच बने नारदः संग्रहालय नये साल पर लोगों को खूब भाया. म्यूजियम प्रबंधन के रेकार्ड के अनुसार 15 हजार से अधिक लोग पहली जनवरी को म्यूजियम को देखने के लिए पहुंचे. स्थानीय कर्मी के अलावे पुलिस बल के जवान भीड़ कंट्रोल करने के लिए जुटे रहे. हमारे पूर्वजों के प्राचीन गाथाओं को अपने सीने में समेटे नारद संग्रहालय को देखने के लिए नये साल के पहले दिन काफी भीड़ रही. लोग अपने परिवारों के साथ नववर्ष पर इतिहास की कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं. संग्रहालय में कलाकृतियों का अद्भूत संगम है.

संकट मोचन मंदिर

सुबह से ही संकट मोचन मंदिर में लोग आस्था के साथ दर्शन के लिए पहुंचते रहे जो भीड़ देर शाम तक बनी रही. यहां हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा का आयोजन होता है, लेकिन नये साल पर मंदिर में जबरदस्त भीड़ी देखने को मिली. हालत यह रही की व्यवस्था के अनुसार दोपहर में दर्शन बंद करने की व्यवस्था को भी बदलना पड़ा. दिवार से लगे जलाल बाबा के मजार पर भी लोग पहुंच रहे थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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