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गढ़वा के जंगलों में फिर दिखा टाइगर, ग्रामीणों में दहशत

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गढ़वा के जंगलों में फिर दिखा टाइगर, ग्रामीणों में दहशत

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भंडरिया. गढ़वा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र के इलाकों में इस वर्ष दूसरी बार टाइगर दिखा है. बड़गड़ थाना क्षेत्र के बहेराखांड़ में कुछ माह पहले मवेशी का शिकार करने के बाद बाघ के भंडरिया क्षेत्र के जंगलों में होकर कोयल नदी पार कर पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में तले जाने की सूचना थी. अब बाघ दूसरी बार संगाली के जंगलों में देखा गया है. ग्रामीणों का दावा है कि एक दिन पहले गांव के पास के जंगलों में चरवाहों ने बाघ को देखा है. उल्लेखनीय है कि पिछले 13 नवंबर की रात बाघ ने बहेराखांड़ निवासी शिवकुमार सिंह के एक गाय का शिकार किया था. वहीं शव के कुछ हिस्से को जंगल में ही छोड़ दिया था. सुबह जंगल में मवेशी चराने गये ग्रामीणों ने जब यह देखा, तो इसकी जानकारी वन विभाग को दी गयी. इसके बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधिकारियों ने इसकी जांच की. इसमें बाघ द्वारा गाय का शिकार किये जाने की पुष्टि हुई है. इधर फिर बाघ के आने की सूचना के बाद क्षेत्र में दहशत है. बताया गया है कि बाघ आदमखोर नहीं है. मार्च 2023 में कुटकू में बाघ ने किया था शिकार पिछले वर्ष मार्च महीने में भी मध्यप्रदेश से होकर छत्तीसगढ़ के रास्ते भंडरिया क्षेत्र में बाघ पहुंचा था. उसने यहां दो दिनों के अंदर तीन शिकार किया था. भंडरिया थाना क्षेत्र के कुटुकु के जंगल में गाय का शिकार कर उसका मांस खाते हुए वीडियो भी सामने आया था. ऐसे में दूसरे वर्ष भी टाइगर के आने से इस क्षेत्र के लोगों में दहशत है. गौरतलब है कि गढ़वा का दक्षिणी वन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती बलरामपुर के जंगली क्षेत्र से सटा है. वहां से कनहर नदी पार कर हाथी और बाघ इस इलाके में अक्सर पहुंच जाते हैं.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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