इंटर कल्चरल मीट 7.0 का तीसरा दिन संवाददाता, पटना आइआइटी के इंटर कल्चरल मीट 7.0 के तीसरे दिन सभी टीमों ने आइआइटी पटना के परिसर में अपने-अपने प्रदर्शन से संदेश दिया. नुक्कड़ नाटक, कॉमेडी, हिंदी कविता, स्टेज प्ले, बैंड प्रतियोगिता, क्विज आदि में भारतीय की समृद्ध संस्कृति की झलक के साथ-साथ कुरीतियों पर भी जमकर प्रहार किया. विज्ञान-तकनीक में महारात से आकाश में उड़ान के सपने के साथ अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संकल्प भी दोहराया. हेलीपैड ग्रांउड पर बैंड प्रतियोगिता सुबह नौ बजे से प्रारंभ होकर देर शाम तक जारी रही. जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते स्त्रोत्र को आधुनिक संगीत में पिरोकर माहौल को भक्तिमय करने के साथ भारतीय परंपरा में नारी शक्ति की महिमा को भी जाहिर किया. आइआइटी बांबे की टीम ने भारतीय परंपरा में नारी शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला. पार्लियामेंट्री डिबेट में देश और दुनिया की उलझनों को सुलझाने के रास्ते बताये. हिंदी कविता लेखन में भारतीय संस्कृतिक की झलक के साथ भारत के विज्ञान व प्रौद्योगिकी में बढ़ते कदम को भी दर्शाया गया. खोजते हैं शून्य तो दुनिया पहुंचती है शिखर पर. हम पढ़ते हैं मंत्र तो मुस्कुराता है कंप्यूटर, जैसी पंक्तियों से प्राचीन और वर्तमान की उपलब्धियों को साक्षा कर रहे हैं. वहीं, नुक्कड़ नाटक में पढ़ाई और पैकेज के तनाव को भी खूब आड़े हाथ लिए. छात्रों के श्लोगन चिंटू जीता था खुलकर, आइआइटी आकर गया सब भूल… जैसी पंक्तियों को साथियों की खूब सराहना मिली.
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