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पांडवेश्वरनाथ में रास मेला शुरू, जुटी ग्रामीणों की भीड़

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बाबा गुफा रास मेला समिति द्वारा जरमुंडी के प्रसिद्ध पांडवेश्वर नाथ पहाड़ी के गुफा के समीप तलहटी में तीन दिवसीय रास मेला का उद्घाटन किया गया. राधा कृष्ण की मूर्ति की पूजा कर इसका शुभारंभ हुआ

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बासुकिनाथ. बाबा गुफा रास मेला समिति द्वारा जरमुंडी के प्रसिद्ध पांडवेश्वर नाथ पहाड़ी के गुफा के समीप तलहटी में तीन दिवसीय रास मेला का उद्घाटन किया गया. राधा कृष्ण की मूर्ति की पूजा कर इसका शुभारंभ हुआ. इसके साथ ही यहां नावाडीह क्लब द्वारा तीन दिवसीय फुटबाल टूर्नामेंट का भी आयोजन किया गया है. मेला में स्थानीय मूर्तिकार द्वारा राधा कृष्ण एवं गोपियों की भव्य प्रतिमाओं स्थापित किया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता पांडव कापरी ने बताया कि पूर्णिमा की पूर्व रात्रि पर प्रत्येक वर्ष पांडवेश्वर पहाड़ गुफा के समीप रास मेला का आयोजन होता है. आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में भाग लेते हैं. दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीण भाग लेकर हर्षोल्लास के साथ इसको मानते हैं. बताया कि इलाके में धान कटनी के बाद कार्तिक पूर्णिमा से लेकर पौष मास तक प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में रास मेला का भव्यता पूर्वक आयोजन होता है.

सनातन धर्म और सरना धर्म को जोड़ने में रासलीला की अहम भूमिका

रामजीवन मांझी ने बताया कि सनातन धर्म और सरना धर्म को जोड़ने में रासलीला की अहम भूमिका होती है. उन्होंने बताया कि धनकटनी के बाद प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में क्रमश: रास मेला का आयोजन होता है. इसमें सभी वर्ग के लोग पूरे नियम-निष्ठा के साथ भाग लेते हैं. नीलम हांसदा, बाबुराम सोरेन आदि ने बताया कि आदिवासी समुदाय द्वारा बासुकिनाथ मंदिर में पूजा करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. आदिवासी समुदाय में शिव की पूजा के साथ राधा-कृष्ण की रासलीला का भी महत्व है. आयोजन के मौके पर आदिवासी समुदाय द्वारा राधा, कृष्ण एवं गोपियों की करीब आधे दर्जन से अधिक प्रतिमाएं बनाकर उनके समक्ष पूरी रात ढोल, मृदंग की धुन पर नाच-गान का दौर चलाया जा रहा है. रास मेला के सफल संचालन में समिति के दर्जनों सदस्य लगे हैं.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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