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Giridih News: गिरिडीह एसडीओ व बेंगाबाद सीओ के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल

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Giridih News: विवेकानंद एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के संचालन मामले में गिरिडीह सदर एसडीओ यशवंत श्रीकांत विस्पुते और बेंगाबाद सीओ प्रियंका प्रियदर्शी के विरुद्ध झारखंड हाइकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल की गयी है.

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याचिका विवेकानंद एजुकेशनल ट्रस्ट और केआइटी के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने दायर की है. बताते चलें कि चार साल पूर्व केआइटी के प्रबंधन और संचालन को लेकर विवाद होने के बाद तत्कालीन एसडीओ ने संस्थान की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर जह थी. साथ ही, बेंगाबाद अंचलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया था. एसडीओ के इस आदेश को झारखंड हाइकोर्ट ने 10 सितंबर, 2024 को खारिज कर दिया था. बावजूद केआइटी का प्रशासनिक प्रभार ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव को नहीं सौंपे जाने पर अध्यक्ष अरविंद कुमार ने हाइकोर्ट में अवमानना का मामला दायर किया है.

पदाधिकारियों को निकाले जाने के बाद प्रबंधन व संचालन को ले शुरू हुआ था विवाद

23 फरवरी, 2018 को ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में निर्णय लेकर तत्कालीन सचिव सचिन कुमार सिंह, उप सचिव आशुतोष पांडेय, ट्रस्टी लक्ष्मीकांत भारती को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. इसके बाद ट्रस्ट और केआइटी संस्थान के प्रबंधन और संचालन को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. अंतत: विधि व्यवस्था की समस्या होती देख तत्कालीन एसडीएम ने केआइटी की चल-अचल संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया था. साथ ही, संस्थान के प्रबंधन और संचालन की जिम्मेदारी बेंगाबाद सीओ को दे दी थी. एसडीएम के इस आदेश को ट्रस्ट के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट में चुनौती दी और क्रिमिनल रिवीजन फाइल की. मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की और तमाम दलीलें सुनने के बाद एसडीएम के आदेश को 10 सितंबर, 2024 को खारिज कर दिया.

आरोप : प्रशासनिक प्रभार सौंपी जा रही है, न ही खर्च का लेखा-जोखा

अरविंद कुमार का कहना है कि झारखंड हाइकोर्ट द्वारा एसडीएम का आदेश खारिज किये जाने के बाद भी न ही उन्हें प्रशासनिक प्रभार सौंपी जा रही है और न ही खर्च का लेखा-जोखा दिया जा रहा है. इस मामले में उन्होंने खुद 01 नवंबर, 2024 और 20 दिसंबर, 2024 को सीओ और एसडीओ से प्रभार सौंपने का लिखित अनुरोध किया था. साथ ही, ट्रस्ट की सचिव शुक्ला रानी व प्राचार्य प्रदीप कुमार द्वारा भी 25 अक्तूबर, 2024, 23 नवंबर, 2024 और 04 दिसंबर को लिखित रूप से प्रभार सौंपने का अनुरोध किया गया. बावजूद रिसीवर सह बेंगाबाद की सीओ प्रियंका प्रियदर्शी द्वारा प्रभार नहीं सौंपा जा रहा है.

केआइटी परिसर में अरविंद और आशुतोष के निवास पर रोक

झारखंड हाइकोर्ट द्वारा एसडीएम के आदेश को खारिज करते हुए यह भी आदेश दिया गया था कि केआइटी परिसर के अंदर अरविंद कुमार और आशुतोष पांडेय निवास नहीं करेंगे. इनके निवास पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही, सभी को चेतावनी दी गयी है कि वे किसी भी स्थिति में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न करें और न ही शैक्षणिक माहौल को खराब करें.

असंतुष्ट पक्ष को टाइटल केस में जाने का आदेश

हाइकोर्ट ने अपने आदेश में सभी पक्षों को आदेश दिया है कि यदि किसी मामले को लेकर वे असंतुष्ट हैं तो पूर्व से चल रहे टाइटल केस नंबर 269/2016 में अपना पक्ष रखें. बता दें कि ट्रस्ट के सचिव सचिन कुमार सिंह और उप सचिव आशुतोष कुमार पांडेय ने अध्यक्ष अरविंद कुमार को हटाने को लेकर सिविल जिला न्यायालय में टाइटल शूट दायर किया है और यह मामला अब तक अदालत में लंबित है. इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा दो-दो इंजक्शन पिटीशन भी दायर किया गया था, जिसे न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है.

गलत तरीके से ट्रस्ट की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गयी : अध्यक्ष

छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित हूं. गलत तरीके से ट्रस्ट की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गयी. रिसीवर मनमानी कर रही हैं. एआइसीटीइ से प्रत्येक वर्ष अनुमोदन का विस्तार लेना होता है. लेकिन इस मामले में भी लापरवाही की गयी. अब जुर्माना के साथ अनुमोदन का विस्तार लेने के लिए पहल करनी होगी. कई शिक्षक छोड़कर चले गये. कर्मियों को वेतन देने में परेशानी हो रही है. ऑडिट का काम नहीं हो पा रहा है. संस्थान के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है. खाता फ्रीज रहने के बाद भी अवैध तरीके से एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा की निकासी कर ली गयी है. – अरविंद कुमार, अध्यक्ष, केआइटी व विवेकानंद एजुकेशनल ट्रस्टI

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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