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बिहार में बिना परमानेंट डॉक्टर के चल रहे नर्सिंग होम पर कार्रवाई, रोका गया लाइसेंस रीन्युअल

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Bihar News: स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई अस्पतालों के पास नियमित डॉक्टर नहीं पाये गये हैं. जांच में ऑनकॉल डॉक्टर पर चलनेवाले निजी नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन पर सवाल उठ रहे हैं.

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Bihar News: मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर में बिना स्थायी डॉक्टर से नर्सिंग होम चल रहे हैं. ये नर्सिंग होम ऑनकॉल डॉक्टरों से काम चला रहे हैं. बुलावे के डॉक्टरों के सहारे गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है. इसपर कार्रवाई करते हुए जिले के लगभग 100 निजी नर्सिंग होम का रीन्युअल (नवीनीकरण) रोक दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई अस्पतालों के पास नियमित डॉक्टर नहीं पाये गये हैं. जांच में ऑनकॉल डॉक्टर पर चलनेवाले निजी नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन पर सवाल उठ रहे हैं. सीएस डॉ अजय कुमार का कहना है कि सिर्फ नियमित डॉक्टरों वाले नर्सिंग होम का ही रीन्युअल किया जा रहा है.

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बिना नियमित डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन पर सवाल

मुजफ्फरपुर में 300 से अधिक निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग से रजिटर्ड हैं. हालांकि बिना निबंधन वाले भी सैकड़ों निजी अस्पताल शहर से गांव तक चलाये जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई निजी अस्पतालों का प्रदूषण सर्टिफिकेट भी फेल मिला है. बीते दिनों जिला स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 279 निजी स्वास्थ्य संस्थानों को नोटिस भी भेजा था. क्लीनिकल स्टैबलिसमेंट एक्ट के तहत बिना नियमित डॉक्टर के अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता, लेकिन इसके बाद भी नियम को ताक पर रखकर कई निजी अस्पतालों को पहलेके समय रजिस्ट्रेशन दे दिया गया. इसके बाद कभी अस्पतालों की जांच नहीं की गई. अस्पताल के रीन्युअल के लिए आनेवाले दस्तावेज जब देखे गये तो इसका पता चला.

अल्ट्रासाउंड की जांच में भी नहीं मिल रहे डॉक्टर

जांच में अल्ट्रासाउंड केंद्र में भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे अल्ट्रासाउंड केंद्र का निबंधन अभी रोका गया है. इसके अलावा कई ऐसे अल्ट्रासाउंड केंद्र हैं, जो नियमित रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग जब इन अल्ट्रासाउंड केंद्र के पतेपर पत्र भेज रहा है, तो उस पते पर भी अल्ट्रासाउंड केंद्र नहीं मिल रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि ऐसे अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों ने बिना स्वास्थ्य विभाग को बताये ही केंद्र बंद कर दिया है.

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