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Buxar News : प्रेम व शांति का संदेश देने स्वर्ग से उतरे प्रभु यीशु

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धी रात होते ही चुप है चंदा चुप है तारे आया यीशु आया जगत में खुशहाली लाया, सुनो मेरे भाइयों मसीहा मेरा दुनिया में आया....

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. आधी रात होते ही चुप है चंदा चुप है तारे आया यीशु आया जगत में खुशहाली लाया, सुनो मेरे भाइयों मसीहा मेरा दुनिया में आया….कैरोल गीतों से जिले के चर्च गूंजने लगे. घंटियों की टनटन ध्वनि निकलने लगी और प्रभु यीशु के अनुयायी थिरकने लगे. चर्चों में मध्य रात में प्रभु यीशु के जन्म पर बेल बजाकर उनके आगमन के संदेश दिए गए. इसी के साथ ही क्रिसमस की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया.

उत्सवी माहौल में लोगों ने दी बधाई

गिरजाघरों में उत्सवी माहौल में प्रभु यीशु मसीह के आगमन की खुशी मनाने के लिए चर्चों में पूरजोर तैयारियां की गईं थीं. रंग-बिरंगी इलेक्ट्रानिक लाइटों से गिरजाघरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. प्रभु यीशु के जन्म की खुशी क्रिसमस बुधवार को बड़े दिन के रूप में मनाया जायेगा. सभी का मन मोह रहे भजन कैरोल सिंगिंग कर रहे युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. सिंगिग टीम अपने केरोल गाकर प्रभु यीशु के जन्म की खुशियां मना रही थी. देखो दुनिया में शोर हो गया, जगत में आज पैदा मसीह हो गया.

प्रभु यीशु के जन्म पर हुआ मिस्सा बलिदान

शहर के नयी बाजार स्थित गिरजाघर के अलावा अन्य चर्चों में प्रभु यीशु के जन्म पर मिस्सा बलिदान की रस्म अदा की गई. जिसमें जन्म को दर्शाते हुए चरनी में शिशु यीशु की प्रतिमा रखी गई थी. जिन्हें बालक यीशु को लोबान का धूप दिखाया गया. उनके जन्म स्थान पर तीन राजाओं के मार्ग दर्शन करने वाले तारा स्वरूप मोमबत्तियों के प्रकाश में यीशु का स्वागत किया गया. प्रभु यीशु के आगमन के उपरांत चर्च के फादर द्वारा उनके जन्म से जुड़ी कथाओं को बताया गया. जिसमें कहा गया कि ईशा का जन्म 1 एडी में 25 दिसंबर को फलस्तीन के बेथलहम शहर में हुआ था. जिन्हें परियों द्वारा मसीहा बताने पर चरवाहों का दल उनकी प्रार्थना के लिए पहुंचा था.बेथलहम को ईसाई समुदाय के लिए सबसे पवित्र जगह माना जाता है. उस जगह को चर्च ऑफ नेटिविटी कहा जाता है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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