संवाददाता, कोलकाता राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की जमानत की याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह ‘भ्रष्टाचार का सागर’ हैं. जैसे नदियां व उसकी शाखाएं समुद्र में विलीन हो जाती हैं, उसी प्रकार राशन वितरण घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचारियों का गंतव्य मल्लिक ही थे. केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि मल्लिक भ्रष्टाचार के ‘रिंग मास्टर’ हैं. शनिवार को मल्लिक की जमानत याचिका पर सुनवाई स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में हुई. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मल्लिक की जमानत पर कोई फैसला नहीं सुनाया. यानी पूर्व मंत्री को राहत नहीं मिली है. मामले की अगली सुनवाई दो जनवरी को होगी. शनिवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान ईडी के अधिवक्ता ने मल्लिक की जमानत का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि जांच में मिले अहम तथ्यों से यह कहना गलत नहीं होगा कि पूर्व मंत्री ‘भ्रष्टाचार का सागर’ हैं. ईडी का यह भी आरोप है कि राशन वितरण घोटाले से जुड़ीं शेल कंपनियों से लेकर बैंक खातों में, जिन आरोपियों का पता चला है, उनके तार मल्लिक से जुड़े हैं. मामले की जांच शुरू करने पर पहले दर्ज की गयी शिकायत में मल्लिक का नाम नहीं था. लेकिन तफ्तीश की गति जैसे आगे बढ़ी, तब पूर्व मंत्री को लेकर अहम तथ्य हाथ लगे. मल्लिक पर आरोप है कि राशन वितरण घोटाला उनके द्वारा संचालित था. पिछले साल अक्तूबर में मल्लिक को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
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