गालूडीह. महिला सशक्तीकरण मंच और सीड्स संस्था से जुड़ीं महिलाएं घाटशिला व आसपास के क्षेत्र में लगातार शराब बंदी अभियान चला रही हैं. इसमें ग्रामीणों खासकर महिलाओं का समर्थन मिल रहा है. अभियान से कुछ हद तक सफलता मिलने लगी है. कई गांव आज शराब मुक्त हो गये हैं. पुतड़ू, देवली, पायरागुड़ी समेत कई गांवों में महिलाओं ने घरों की दीवारों पर शराब बंदी अभियान को लेकर स्लोगन लिखा है. पुतड़ू में एक घर की दीवार पर स्लोगन लिखा है, नशे की आदत छोड़ो, सुखी जीवन से नाता जोड़ो. इस तरह के कई अन्य स्लोगन लिखे गये हैं. बीच-बीच में महिलाएं संगठित होकर गांवों में शराब बंदी को लेकर जागरूकता रैली निकालती हैं. लोगों को जागरूक करती है.
समाज का नाश कर रहा नशा
शराब बंदी अभियान से जुड़ी महिला कहती हैं कि नशा समाज को नाश कर रहा है. गांव के युवा वर्ग भी नशे की चपेट में आने लगे हैं. इसे लेकर जागरूक नहीं किया गया, तो समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. खासकर बच्चे व महिलाएं इस नशे के कारण ज्यादा प्रभावित होंगी. नशे के कारण कई परिवार टूट और बिखर रहे हैं. नशा के लिए अपनी कमाई उड़ा रहे हैं. इससे घर की माली हालत खराब हो रही है. बच्चों का सही विकास नहीं हो रहा है. शिक्षा से बच्चे वंचित हो रहे हैं. घर की महिलाएं प्रताड़ित हो रही हैं.गांवों में शराब बेचना किया वर्जित
महिला सशक्तीकरण मंच गठित कर लगातार शराब बंदी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि समाज में सुधार आये. इस अभियान में गांव की अनेक महिलाएं जुड़ी हैं. जरूरत पड़ने पर महिलाएं थाना को सूचित करती हैं. शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करवाती हैं. कई गांव ऐसे बन गये हैं, जहां अब गांव में शराब बेचना वर्जित है. गांव में शराब पीकर घुसना मना है. यह सब महिलाओं के संगठित प्रयास से संभव हो पाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है