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बिहार म्यूजियम में अमेरिका से आयी पेंटिग्स का कंजर्वेशन शुरू

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अमेरिका की संस्था एथनिक आर्ट्स फाउंडेशन के पास बिहार के नामचीन कलाकारों की ओर से बनायी गयी 113 मधुबनी पेंटिंग बिहार संग्रहालय में पिछले महीने ही आ चुकी है. यह सारी पेंटिंग्स अपने आप में खास है, क्योंकि यह 1960-1980 के दशक के कलाकारों ने बनायी गयी थी.

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लाइफ रिपोर्टर@पटना अमेरिका की संस्था एथनिक आर्ट्स फाउंडेशन के पास बिहार के नामचीन कलाकारों की ओर से बनायी गयी 113 मधुबनी पेंटिंग बिहार संग्रहालय में पिछले महीने ही आ चुकी है. यह सारी पेंटिंग्स अपने आप में खास है, क्योंकि यह 1960-1980 के दशक के कलाकारों ने बनायी गयी थी. बिहार म्यूजियम पूरे देश में ऐसा संग्रहालय बन गया है, जिसके पास मिथिला पेंटिंग का इतना बड़ा कलेक्शन है. अभी इसके कंजर्वेशन पर काम शुरू हो चुका है. यहां पहले से रीजनल गैलरी में छह से ज्यादा पेंटिंग्स मौजूद है. अमेरिका से आये इन पेंटिंग्स में कलाकार कृष्णकांत झा, जमुना देवी, चानो देवी, उत्तम पासवान, संतोष कुमार दास, रजनी, बिमला दत्त, जोगमाया देवी, रंजीत पासवान, अमृता झा, हीरा देवी, ललिता देवी, शशिकला देव, कर्पूरी देवी जैसे कलाकारों की दुर्लभ पेंटिंग्स मौजूद है. संग्रहालय की पहल पर आयी पेंटिंग्स अमेरिका के रेमंड ली वोएन्स ने इस संस्था की स्थापना 1970 में की थी. इसका मकसद मिथिला चित्रकला और कलाकारों के गुणवत्ता के साथ आर्थिक समृद्धि में योगदान देना था. 1977 में वोएन्स भारत आये और मधुबनी के कलाकारों से मिलकर उनकी बनायी सैकड़ों पेंटिंग अमेरिका लेकर चले गये. जहां उन्होंने इस कला को बढ़ावा देने के लिए वहां कई एग्जीबिशन लगाये और इस कला का प्रसार-प्रचार किया. पर वर्ष 2000 में वोएंन्स की मृत्यु के बाद कमेटी की ओर से संस्था चलाया जा रहा था. साल 2024 में कमेटी की ओर से संस्था को बंद करने का निर्णय लिया गया. जब इन पेंटिंग्स की जानकारी बिहार संग्रहालय को मिली, तो इस संस्था के पास चिट्ठी भेजी गयी. कोट- आने वाले समय में हम इन पेंटिग्स को लेकर जगह-जगह एग्जीबिशन आयोजित करेंगे, ताकि लोगों को मधुबनी पेंटिंग के बारे में जानकारी मिले और 70 के दशक की पेंटिंग से वे रूबरू हों. अंजनी कुमार सिंह, महानिदेशक, बिहार म्यूजियम

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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