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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक लोकतंत्र पर हमला : अभिषेक

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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी विधेयक का तृणमूल कांग्रेस ने भी कड़ा विरोध किया है. सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा : मंगलवार को जब संसद में संविधान पर बहस हुई, तब भाजपा द्वारा ‘संविधान संशोधन विधेयक’ पेश करना लोकतंत्र पर एक तरह से हमला ही है.

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कोलकाता.

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी विधेयक का तृणमूल कांग्रेस ने भी कड़ा विरोध किया है. सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा : मंगलवार को जब संसद में संविधान पर बहस हुई, तब भाजपा द्वारा ‘संविधान संशोधन विधेयक’ पेश करना लोकतंत्र पर एक तरह से हमला ही है.

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से संबंधित विधेयक लोगों से नियमित रूप से मतदान करने के उनके मौलिक अधिकार को छीनने का प्रयास है. मतदान एक ऐसा अधिकार है, जो सरकारों को जवाबदेह बनाता है और अनियंत्रित शक्ति को रोकता है. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से संबंधित विधेयक केवल एक विधेयक नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव पर सीधा हमला है. बंगाल चुप नहीं बैठेगा. हम इस लोकतंत्र विरोधी एजेंडे को कुचलने के लिए जी-जान से लड़ेंगे.तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा : यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर हमला है और यह ‘अल्ट्रा वायर्स’ (कानूनी अधिकार से परे) है. इस विधेयक को स्वीकार नहीं किया जा सकता. राज्य विधानसभाएं केंद्र और संसद के अधीनस्थ नहीं होती हैं. यह बात समझने की जरूरत है.जिस तरह से संसद को कानून बनाने का अधिकार है, उसी तरह विधानसभाओं को भी कानून बनाने का अधिकार है. यह राज्य विधानसभाओं की स्वायत्तता छीनने का प्रयास है. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा : कोई भी दल हमेशा सत्ता में नहीं रहेगा. एक दिन सत्ता बदल जायेगी. यह चुनावी सुधार नहीं है, एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए लाया गया विधेयक है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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