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विद्यालय निरीक्षण में दूसरे विभाग के अधिकारी नहीं ले रहे रुचि

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विद्यालय निरीक्षण करने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छोड़ दें तो जिला प्रशासन के अधिकारी व अन्य विभाग के अधिकारी अब रुचि नहीं ले रहे हैं

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भभुआ नगर. विद्यालय निरीक्षण करने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छोड़ दें तो जिला प्रशासन के अधिकारी व अन्य विभाग के अधिकारी अब रुचि नहीं ले रहे हैं. यानी कागजों में ही रोस्टर के अनुसार विद्यालय निरीक्षण के लिए अधिकारियों की तैनाती की गयी है, लेकिन धरातल पर जांच गायब है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय निरीक्षण संबंधी प्रखंड स्तर से भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ है. दरअसल, अपर मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में उप विकास आयुक्त द्वारा विगत दिनों विद्यालय निरीक्षण संबंधित कार्य के लिए 121 अधिकारियों की तैनाती करते हुए आदेश जारी किया गया था. जारी आदेश में उप विकास आयुक्त द्वारा रोस्टर बनाते हुए एक अधिकारियों को कितने विद्यालय की जांच करनी हैं, विद्यालय के नाम के साथ सूची जारी की गयी थी. जारी सूची के अनुसार आदेश दिया गया था कि सभी पदाधिकारी रोस्टर के अनुसार आवंटित विद्यालयों की जांच करेंगे व विद्यालयों की जांच के बाद शिक्षा विभाग कार्यालय को इसकी रिपोर्ट देंगे. लेकिन, उप विकास आयुक्त के आदेश के बाद भी एक सप्ताह के बाद कुछ प्रखंडों में तो शिक्षा विभाग के अधिकारी को छोड़ दें तो विद्यालय जांच के लिए तैनात किये गये जिला प्रशासन के अधिकारी व अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा एक भी विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया गया हैं, यानी विद्यालयों के निरीक्षण का कार्य भगवान भरोसे है. उप विकास आयुक्त ज्ञान प्रकाश द्वारा विद्यालय निरीक्षण के लिए तैनात अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया था कि निरीक्षण पदाधिकारी विद्यालय के निरीक्षण के दौरान वर्ग कक्षा की उपलब्धता, वर्ग कक्ष के निर्माण की स्थिति, अन्य भवन की स्थिति, आईसीटी लैब, पंखा, बिजली, लाउडस्पीकर, पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की स्थिति, विद्यालय की चहारदीवारी, खेल मैदान, बैंच डेस्क, एफएलएन किट के उपयोगिता की स्थिति, बच्चों की उपस्थिति, बच्चों की वर्गवार स्थिति, शिक्षकों के पदस्थापन, स्मार्ट क्लास संचालन, टीवी व इंटरनेट की स्थिति, शिक्षकों द्वारा बच्चों के लिए कराये जा रहे क्लास वर्क व होमवर्क की स्थिति सहित सामान्य अवलोकन में पाये गये स्थिति की जांच करते हुए इसकी रिपोर्ट देंगे. = कमियों को ठीक करायेंगे निरीक्षण पदाधिकारी उपविकास आयुक्त ने विद्यालय निरीक्षण को लेकर जारी आदेश में कहा था कि मॉनीटरिंग के दौरान विद्यालय में पायी गयी कमियों को ठीक करने हेतु संबंधित निरीक्षण पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे व आगामी मॉनीटरिंग के दौरान विद्यालय में पायी गयी कमियों के सुधार हेतु प्रयास करेंगे. अगर अपने स्तर से कमी दूर करने के लिए सक्षम नहीं होंगे तो उक्त समस्या से संबंधित रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देते हुए अवगत करायेंगे. = एक अधिकारी को 10-15 स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश विद्यालय निरीक्षण को लेकर उपविकास आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि एक अधिकारी को तीन महीने के लिए 10 से 15 विद्यालय आवंटित किये गये हैं, प्रत्येक सप्ताह एक अधिकारी आवंटित किये गये 10 से 15 विद्यालय में से कम से कम तीन या चार विद्यालयों का प्रत्येक महीने निरीक्षण करेंगे व निरीक्षण के बाद सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट देंगे. लेकिन, कई प्रखंडों में एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के छोड़ कर अन्य विभाग के अधिकारी एक भी विद्यालय का निरीक्षण नहीं किये हैं. विद्यालय निरीक्षण के लिए तैनात अधिकारी द्वारा रोस्टर के अनुसार विद्यालय निरीक्षक नहीं करने से कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी परेशान है. इसको लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वरीय अधिकारी से भी शिकायत की जा रही है, इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा है. = चैनपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने भेजा त्राहिमाम संदेश उपविकास आयुक्त द्वारा तैनात अधिकारियों द्वारा विद्यालय निरीक्षण रोस्टर के अनुसार नहीं करने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी धीरेंद्र प्रसाद ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व उप विकास आयुक्त को पत्र लिखा है. लिखे गये पत्र में कहा है कि विद्यालय निरीक्षण के लिए तैनात किये गये अधिकारी शिक्षा विभाग को छोड़ कर अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा एक सप्ताह में एक भी विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया गया. जबकि, विभाग द्वारा लगातार निरीक्षण संबंधित रिपोर्ट मांगी जा रही है. जिन अधिकारियों को रोस्टर के अनुसार जो विद्यालय आवंटित है, उसकी जांच नहीं होने के कारण विद्यालयों की स्थिति में कोई सुधार भी नहीं हो रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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