19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Garuda Purana: पुत्रियां कर सकती है अपने पितरों का श्राद्ध, गरुड़ पुराण में लिखीं ये बातें

Advertisement

Garuda Purana: क्या लड़कियां पितरों के श्राद्ध या तर्पण में भाग ले सकती हैं? यह प्रश्न आपके मन में कभी न कभी अवश्य आया होगा. समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें धर्म या पुराणों की गहरी जानकारी नहीं होती, लेकिन वे संकीर्ण मानसिकता के कारण लड़कियों को कुछ विशेष धार्मिक क्रियाओं से अलग कर देते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Garuda Purana:  श्राद्ध के संबंध में अक्सर यह कहा जाता है कि केवल पुत्र ही श्राद्ध का कार्य कर सकता है. यदि पुत्र नहीं है, तो प्रपौत्र या पौत्र इस कार्य को संपन्न कर सकते हैं. हालांकि, महिलाओं के श्राद्ध करने पर कई स्थानों पर प्रतिबंध की बात की जाती है. जबकि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं. इसका प्रमाण रामायण के एक प्रसंग में मिलता है, जब माता सीता ने स्वयं अपने ससुर, श्री दशरथ महाराज का श्राद्ध किया था. इसके अतिरिक्त, गरुण पुराण में भी स्त्रियों द्वारा श्राद्ध करने का उल्लेख किया गया है. आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें.

- Advertisement -

गरुड़ पुराण में कही गई ये बात

गरुड़ पुराण में श्‍लोक संख्‍या 11, 12, 13 और 14 में इस बात का जिक्र किया गया है कि कौन-कौन श्राद्ध कर सकता है. श्राद्ध के संबंध में अक्सर यह कहा जाता है कि केवल पुत्र ही श्राद्ध का कार्य कर सकता है. यदि पुत्र नहीं है, तो प्रपौत्र या पौत्र इस कार्य को संपन्न कर सकते हैं. हालांकि, महिलाओं के श्राद्ध करने पर कई स्थानों पर प्रतिबंध की बात की जाती है. जबकि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं. इसका प्रमाण रामायण के एक प्रसंग में मिलता है, जब माता सीता ने स्वयं अपने ससुर, श्री दशरथ महाराज का श्राद्ध किया था. इसके अतिरिक्त, गरुण पुराण में भी स्त्रियों द्वारा श्राद्ध करने का उल्लेख किया गया है. आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें.

Rukmini Ashtami 2024: इस दिन मनाई जाएगाी रुक्मिणी अष्टमी, देखें पूजा विधि 

पितृ पक्ष के दौरान बेटियां भी पिंडदान कर सकती हैं

पिंडदान के संबंध में ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख है कि आत्मा की शांति के लिए बेटे और बेटियाँ दोनों अपने पितरों के लिए पिंडदान और तर्पण कर सकते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए भी बेटियाँ पिंडदान और तर्पण का कार्य करती हैं. यदि किसी व्यक्ति के पुत्र नहीं हैं, तो ऐसे में परिवार की बेटी अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान कर सकती है.

Pitra Dosh Upay: पितृ दोष निवारण के लिए धारण करें ये रत्न

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें