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Rourkela News: राउरकेला में जेवियर इंस्टीट्यूट की नहीं हुई स्थापना, स्वायत्त कॉलेज के विश्वविद्यालय बनने का सपना भी अधूरा

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Rourkela News: 2015 में राउरकेला में जेवियर इंस्टीट्यूट की स्थापना की घोषणा हुई थी. लेकिन यह मात्र चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है.

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Rourkela News: स्मार्ट सिटी राउरकेला में जेवियर इंस्टीट्यूट की स्थापना की घोषणा करीब एक दशक पूर्व की गयी थी. यह हर बार चुनावी मुद्दा भी बना, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. वहीं पानपोष स्थित राउरकेला सरकारी ऑटोनोमस कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्ज देने की दशकों पुरानी मांग भी पूरी नहीं हुई. इधर, 2024 विधानसभा में राज्य में सत्ता में आयी भाजपा की डबल इंजन सरकार के भी छह माह पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसको लेकर कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है.

संबलपुर में आइआइएम की स्थापना के बाद लोगों को शांत करने के लिए हुई थी घोषणा

चार मार्च, 2015 को राज्य सरकार ने राउरकेला में जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की दूसरी शाखा की स्थापना की घोषणा की थी. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आइआइएम) संबलपुर की स्थापना के बाद उठ रही मांग को शांत करने के लिए यह घोषणा की गयी थी. लेकिन यह महज घोषणा ही साबित हुई. गौरतलब है कि 2015 में केंद्र सरकार ने ओडिशा में दूसरे आइआइएम की स्थापना की घोषणा की थी. राउरकेला और संबलपुर दोनों में आइआइएम की मजबूत मांग थी. तत्कालीन राज्य सरकार की चाल के कारण संबलपुर में आइआइएम की स्थापना हो गयी और जिले के लोग उच्च शिक्षण संस्थान पाने से वंचित रह गये.

लोगों की मांग पर केंद्र और राज्य सरकार ने नहीं दिया ध्यान

आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में उच्च शिक्षा के विकास के लिए पिछले दो दशक में कोई प्रयास नहीं किये जाने के आरोप लगते रहे हैं. राउरकेला ही नहीं, पूरे जिले में उच्च शिक्षा पूरी तरह चरमरा गयी है. बीजद सरकार के 25 वर्षों के दौरान केवल बीजू पटनायक विश्वविद्यालय (बीपीयूटी) का मुख्यालय राउरकेला में स्थानांतरित किया, लेकिन एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं बनाया गया. नये उच्च शिक्षा संस्थानों की घोषणा की गयी, लेकिन वह भी धरातल पर नहीं उतर सकी. अब जब राज्य में सरकार बदल गयी है, तो लोगों में एक बार फिर उम्मीद जगी है. लेकिन छह माह बीतने के बावजूद इस पर चर्चा तक नहीं हो रही है. आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना की मांग लंबे समय से होती रही है. लेकिन राज्य व केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

स्वायत्त कॉलेज का विश्वविद्यालय बनाना अब भी एक सपना

राउरकेला सरकारी स्वायत्त कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की मांग दो दशक से होती रही है. लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला. 16 अगस्त, 1961 को स्थापित इस कॉलेज में वर्तमान में करीब 6,000 छात्र हैं. इसमें 31 डिग्री पाठ्यक्रम और 27 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित है. राउरकेला से संबलपुर विश्वविद्यालय की दूरी लगभग 180 किमी है, जबकि विश्वविद्यालय के अंतर्गत बहुत सारे कॉलेज हैं, जिस कारण जिले के छात्रों को समय पर सेवाएं नहीं मिल पाती हैं. पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने कई पुराने कॉलेजों को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया, लेकिन राउरकेला सरकारी स्वायत्त कॉलेज पर विचार नहीं किया जाना किसी विडंबना से कम नहीं है.

लंबे समय से होती रही है आदिवासी विश्वविद्यालय की मांग

सुंदरगढ़ जिले के आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा और कौशल प्रदान करने के लिए एक आदिवासी विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग वर्षों से होती रही है. अगर जिले में आदिवासी विश्वविद्यालय स्थापित हो जाता है, तो स्थानीय छात्र आदिवासी कला, दर्शन, विज्ञान, वाणिज्य, पुरातत्व व व्यवसाय प्रबंधन का अध्ययन कर सकते हैं. सुंदरगढ़ सरकारी कॉलेज को आदिवासी विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता देने की मांग की जा रही है. लेकिन यहां के सांसद के केंद्र में जनजातीय मामलों का मंत्री होने के बावजूद मांग पूरी नहीं हो सकी है. इससे पहले राज्य सरकार ने कई उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा की थी, लेकिन यह भी संभव नहीं हो सका.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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