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वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायत व निगम को विशेष अनुदान देने की तैयारी में राज्य सरकार

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नयी सरकार में राज्य सरकार राज्य वित्त आयोग को प्रभावी करने की तैयारी में है. राज्य वित्त आयोग का गठन कर लिया गया है. अब राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत व नगर निकायों को राज्य सरकार से विकास कार्यों के लिए विशेष अनुदान देने की तैयारी चल रही है

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नयी सरकार में ग्राम पंचायत व नगर निकायों को मिल सकता है अलग से अनुदान

केंद्र व राज्य सरकार से फंड मिलने के बाद दोगुनी हो जायेगी विकास की राशि

बिहार, छत्तीसगढ़, केरल व महाराष्ट्र में राज्य वित्त आयोग के तर्ज पर अनुदान देने की तैयारी

अमरनाथ पाेद्दार, देवघर

नयी सरकार में राज्य सरकार राज्य वित्त आयोग को प्रभावी करने की तैयारी में है. राज्य वित्त आयोग का गठन कर लिया गया है. अब राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत व नगर निकायों को राज्य सरकार से विकास कार्यों के लिए विशेष अनुदान देने की तैयारी चल रही है. अभी केंद्र सरकार से सिर्फ 15वें वित्त आयोग से ग्राम पंचायत व नगर निकाय को राशि प्राप्त हो रही है. केंद्र सरकार ने शर्त लगा दिया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 तक राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा से अनुदान राज्यों को अगर नहीं दी जायेगी, तो केंद्र सरकार से भी अनुदान की राशि पर रोक लग सकती है, ऐसी स्थिति में पंचायतीराज विभाग के सुझाव पर राज्य वित्त आयोग ग्राम पंचायत व नगर निकायों को अनुदान देने के लिए अनुशंसा करने जा रहा है. राज्य वित्त आयोग से अनुदान मिलने पर ग्राम पंचायत व नगर निकाय को दोगुनी विकास राशि प्राप्त होने लगेगी. केंद्र सरकार से झारखंड को प्रति वर्ष करीब 1400 करोड़ रुपये 15वें वित्त आयोग की राशि मिलती है. राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद राज्य सरकार से भी 1400 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. बजटीय प्रावधान से पहले राज्य वित्त आयोग पंचायत व निकाय के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे, उसके बाद कैबिनेट व विधानसभा के पटल में प्रस्ताव की मंजूरी ली जायेगी. बजटीय प्रावधान के बाद ग्राम पंचायतों व निकाय को फंड मुहैया कराया जा सकता है. देश में बिहार, छत्तीसगढ़, केरल व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में राज्य वित्त आयोग का गठन कर लिया गया है. इन राज्यों में ग्राम पंचायत, पंचायत समित, जिला परिषद, नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर पालिका व नगर निगम को राज्य वित्त आयोग से अगल अनुदान में मिलता है. बिहार में राज्य वित्त आयोग से फंड प्राप्त होने से ग्राम पंचायतों में मुखिया की वित्तीय शक्ति दोगुनी हो गयी है.

……….

त्रिस्तरीय पंचायत में क्या होंगे फायदे

राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर ग्राम पंचायत , पंचायत समिति व जिला परिषद को मिलने वाले फंड से गांवों में कई तरह के विकास कार्य हो पायेंगे. इसमें खेल मैदान, गार्डन, सोलर स्ट्रीट लाइट, शवदाह गृह, कचरा प्रबंधन, ग्रामीण हाट, बस और ऑटो स्टैंड, यात्री शेड, सामुदायिक भवन आदि. बिहार में यह राशि 70:15:15 के अनुपात में दी जाती है. ग्राम पंचायतों को सबसे ज़्यादा यानी 70% फंड मिलता है.

नगर निकाय में क्या होंगे फायदे

राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर नगर निकायों को मिलने वाले फंड से शहरी क्षेत्र में सोलर स्ट्रीट लाइट, खेल मैदान, उद्यान, आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाएं, शवदाह गृह, बस और ऑटो स्टैंड, यात्री शेड, सामुदायिक भवन आदि बनाये जायेंगे. शहरी कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी विकास होगा.

कोट

राज्य सरकार गांव की सरकार को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है. राज्य वित्त आयोग का गठन कर लिया गया है. पंचायतराज विभाग द्वारा आयोग को सुझाव दिया जा चुका है. वित्त आयोग ग्राम पंचायत व नगर निकाय पर अन्य राज्यों की तरह अनुदान देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. आयोग जल्द ही इस प्रस्ताव पर पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों से भी सुझाव ले सकता है. इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट व बजट में पेश करने की प्रक्रिया होगी. बजटीय प्रावधान होने के बाद अनुदान की प्रकिया पूरी होगी. अनुदान मिलने से ग्राम पंचायत व नगर निकाय की विकास राशि बढ़ जायेगी.

– निशा उरावं, निदेशक पंचायतीराज विभाग सह सदस्य राज्य वित्त आयोग, झारखंड B

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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