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Gaya News : फाइलेरिया विभाग ने हाथीपांव के मरीजों के बीच बांटे एमएमडीपी किट

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Gaya News : जेपीएन सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग की ओर से हाथीपांव के मरीजों को अपने प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए एमएमडीपी किट का वितरण किया गया.

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गया. जिले में हाथीपांव पीड़ित लोगों के लिए एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है. गुरुवार को जेपीएन सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग की ओर से हाथीपांव के मरीजों को अपने प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. इस दौरान लगभग 15 हाथीपांव ग्रसित मरीजों को एमएमडीपी किट दिये गये. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बताया कि राज्य स्तर से जिला को मॉर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएब्लिटी प्रिवेंशन किट की आपूर्ति की गयी है. फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अनुमंडलीय अस्पताल शेरघाटी, टिकारी व वजीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 30-30 एमएमडीपी किट तथा अन्य सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आवंटित किया गया है. यह मॉर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएब्लिटी प्रिवेंशन किट फाइलेरिया ग्रसित मरीजों हाथीपांव मरीजों को दिया जाना है. डॉ हक ने बताया इस किट में आवश्यक दवा एवं मरहम, साबुन, तौलिया, दस्ताना, टब और मग आदि होते हैं. इसका इस्तेमाल हाथीपांव ग्रसित अंग को साफ-सुथरा रखने में किया जाता है. उन्होंने बताया कि अपने प्रभावित अंग का ध्यान रखना जरूरी है. इसे जख्म व चोट से बचायें. यदि जख्म हो जाता है तो इसका तुरंत इलाज करायें. किसी प्रकार की लापरवाही नहीं करें. अपने प्रभावित अंग को नियमित रूप से सुबह और शाम साबुन से धोयें. हाथीपांव को साफ तौलिए से पोछ लें और मरहम लगायें. रात में सोते समय पैरों को उंचा कर सोयें. एमएमडीपी किट के नियमित इस्तेमाल से मरीज हाथीपांव की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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