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Bokaro News : आठ सालों से मांगी जा रही है सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था

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Bokaro News : फरवरी 2017 से वर्ष 2024 तक दुर्व्यवहार की पांच दर्जन से अधिक घटना

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Bokaro News : सदर अस्पताल, बोकारो में दिन हो या रात, हर वक्त चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी डरे सहमे ड्यूटी बजाते हैं. अस्पताल में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार घट रही हैं. मंगलवार को सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रभारी डीएस डॉ सौरव संख्यान को जिस तरह से डीएस कक्ष में कुछ देर कैद कर लिया गया, वह चिकित्सकों के लिए परेशान करने वाला था. ओपीडी में स्वास्थ्य सेवा दे रहे चिकित्सक तुरंत मरीज को छोड़ कर डरे सहमे अवस्था में एक जगह इकट्ठे हो गये. इस तरह की घटना पिछले कई सालों से हो रही है. अब तक लगभग पांच दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं. कई मामले में हो-हल्ला होता है. कई मामले में सभी चुप्पी साध लेते हैं. क्योंकि दूसरे दिन ड्यूटी करनी होती है. मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने चास एसडीओ प्राजंलि ढाड़ा से सदर अस्पताल को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की मांग पत्र भेजकर की है.

पांच करोड़ के अस्पताल में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. आउटसोर्सिंग से निजी सुरक्षाकर्मी बहाल किये गये हैं, परंतु दुर्व्यवहार की घटना जब घटती है, तो वो भी असहाय हो जाते हैं. सदर अस्पताल में फरवरी 2017 से 2024 (सात जून) तक चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों से दुर्व्यवहार की पांच दर्जन से अधिक घटना घट चुकी है.

ओपीडी में हर दिन अव्यवस्था का आलम :

ओपीडी में हर दिन हो-हल्ला का आलम बना रहता है. महिला व जेनरल ओपीडी को छोड़ दें, तो एक भी ओपीडी के बाहर हॉस्पिटल अटेंडेंट नहीं मिलते हैं. ऐसे में एक साथ दस से पंद्रह की संख्या में मरीज (नेत्र, दंत, मनोचिकित्सक, शिशु, स्कीन, इएनटी, अर्थोपेडिक व सर्जरी सहित 11 ओपीडी कक्ष) ओपीडी कक्ष में प्रवेश कर जाते हैं. कतारबद्ध तरीके से आने की बात कहते ही चिकित्सक से उलझ पड़ते हैं.

अस्पताल परिसर में पुलिस पिकेट आज तक नहीं खुला :

पहली बार सदर अस्पताल में 12 फरवरी 2017 को तत्कालीन डीएस सह ऑर्थोपेडिक्स डॉ एचडी सिंह के साथ दुर्व्यवहार की घटना हुई थी. जबरदस्ती दवा लिखवाने पर उतारू मरीज के परिजनों को मना करने पर दुर्व्यवहार की गयी. तत्कालीन सीएस डॉ सोबान मुर्मू, डॉ अंबिका प्रसाद मंडल, डॉ अशोक कुमार पाठक, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ एबी प्रसाद, डॉ दिनेश कुमार व वर्तमान सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने कई बार सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की मांग की. तत्कालीन डीसी मृत्युंजय बरनवाल व तत्कालीन एसपी पी मुरूगन से लेकर पिछले कार्यकाल के डीसी व एसपी को पत्र भेजा. हर बार सभी ने सुरक्षा का आश्वासन दिया. अस्पताल परिसर में पुलिस पिकेट खोलने की बात की गयी, परंतु आज तक कुछ नहीं हो सका.

कब किसके साथ घटी दुर्व्यवहार की घटनाएं

12 फरवरी 2017 : तत्कालीन डीएस सह अर्थोपेडिक्स डॉ एचडी सिंह

10 मार्च 2017 : तत्कालीन सोनोलॉजिस्ट डॉ शिखा10 अक्तूबर 2017 : नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ पिंकी पॉल04 फरवरी 2018 : तत्कालीन स्कीन विशेषज्ञ डॉ कुमारी रजनी08 फरवरी 2018 : शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति लाल13 मार्च 2018 : तत्कालीन स्कीन विशेषज्ञ डॉ कुमारी रजनी23 अप्रैल 2019 : तत्कालीन सीएस डॉ अंबिका प्रसाद मंडलनवंबर 2021 : तत्कालीन शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राज कुमारफरवरी 2022 : तत्कालीन दंत रोग विशेषज्ञ डॉ निकेत चौधरीवर्ष 2022 से 2023 तक : स्कीन विशेषज्ञ डॉ सफी नेयाज, इएनटी विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार, सर्जन डॉ दीपक साहू सहित कई चिकित्सकवर्ष 2024 में सात जून तक : सदर डीएस डॉ अरविंद कुमार, स्कीन विशेषज्ञ डॉ सफी नेयाज, इएनटी विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार, डॉ रवींद्र कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कामाख्या प्रसाद

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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