Darbhanga News: दरभंगा. दरभंगा-लहेरियासराय स्टेशनों के बीच दोनार में रेल फाटक के बंद रहने से सड़क जाम की समस्या से पूरे दिन लोगों को जूझना पड़ता है. फाटक बंद होते ही दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. ऐसे में जब कोई ट्रेन रेल गुमटी के बीच खड़ी हो जाती है तो समस्या और भी विकराल हो जाती है. कारण, दुबारा ट्रेन गुजरने के बाद ही रेल फाटक खुल पाता है. इस बीच जाम में वाहनों की संख्या बढ़ती ही चली जाती है. यूं तो दरभंगा जंक्शन पर प्रवेश से पूर्व लगे सिग्नल के लाल रहने के कारण कोई भी गाड़ी खड़ी हो जाती है, लेकिन सुबह करीब सवा सात बजे पटना से आने वाली इंटरसिटी प्राय: नित्य यहां रुक जाती है. काफी देर तक खड़ी रहने के बाद जंक्शन की ओर बढ़ती है. इस वजह से राहगीरों को रोजाना समस्या झेलनी पड़ती है. उल्लेखनीय है कि दोनार और म्यूजियम रेल फाटक के बीच जंक्शन का आउटर सिग्नल लगा है. सिग्नल के जरिए लाइन क्लियर नहीं होने पर स्वाभाविक रूप से चालक ट्रेन को रोक देते हैं. आउटर सिग्नल एवं दोनार रेल फाटक के बीच फासला इतना कम है कि ट्रेन की कुछ बोगियां गुमटी से दक्षिण ही रह जाती है. ऐसा प्राय: नित्य होता है. जिस गति से यह गाड़ी लहेरियासराय की ओर से आती है तो ऐसा लगता है मानो चंद पल में ही गुमटी से गुजर जायेगी और फाटक खुल जायेगा, लेकिन बीच में ही ट्रेन को रोक देना पड़ता है.
दोनार रेल फाटक सड़क यातायात के लिए काफी अहम
दोनार रेल फाटक सड़क यातायात के लिए काफी अहम है. दरभंगा से कुशेश्वरस्थान, बिरौल, बेनीपुर, घनश्यामपुर, अलीनगर, गौड़ाबौराम, किरतपुर, तारडीह सहित पड़ोसी जिला सहरसा के लिए यह मुख्य सड़क है. ऐसे में वाहनों का दवाब स्वाभाविक है. इस भारी दवाब के बीच लंबे समय तक फाटक के बंद रहने से जाम की समस्या विकराल हो जाती है. सनद रहे कि सरकार ने इस गुमटी पर भी आरओबी निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है, लेकिन धरातल पर काम अभी आरंभ होने में वक्त लगेगा. यहां यह भी स्मरण दिला दें कि इस रेल फाटक पर रोड ओवर ब्रिज निर्माण के लिए संप्रग सरकार के कार्यकाल में ही शिलान्यास किया गया था, लेकिन वह क्षेत्रवासियों की नजर में चुनावी शिलान्यास था.
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