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राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता के लिए 36 खिलाड़ियों का चयन

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एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के छात्रों का बेहतर प्रदर्शन

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बसिया.

एकलव्य विद्यालयों के चतुर्थ राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बसिया के छात्रों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया. टीम व व्यक्तिगत खेलों में 17 स्वर्ण, 10 रजत तथा छह कांस्य पदक समेत कुल 33 पदक जीते. एक तरफ जहां एकलव्य बसिया के खिलाड़ी कबड्डी व खो-खो में प्रथम स्थान पर रहे. वहीं एथलेटिक्स की विभिन्न प्रतियोगिताओं में 17 स्वर्ण, 10 रजत तथा छह कांस्य पदक जीते. राष्ट्रीय खेलों के लिए 36 छात्रों के चयन होने पर विद्यालय में हर्ष का माहौल है. इस राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के समापन के बाद एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बसिया के 36 छात्रों का चयन 15 से 19 दिसंबर तक रायपुर छत्तीसगढ़ में आयोजित एकलव्य विद्यालयों के चतुर्थ राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता के लिए हुआ है. ये सभी छात्र इस राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में झारखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे. प्राचार्य संजय कुमार सिंह ने बताया कि हमारे बच्चे निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते हुए नयी ऊंचाइयों को छू रहे हैं. खिलाड़ियों में गंगा उरांव, बंटी मुंडा, रोहित उरांव, सूरज उरांव, अंकित उरांव, शशि उरांव, आयुष उरांव, अमित उरांव, अनूप उरांव, अभिषेक टोप्पो, पवन उरांव, नितेश उरांव, आशीष उरांव, रोहित उरांव, संदीप मुंडा, समीर उरांव, सतीश उरांव, नियंत्रण उरांव, जूलियस उरांव, राहुल उरांव, सोमरा उरांव, आनंद उरांव, निशांत उरांव, अमन लोहार, आकाश महली, अरविंद उरांव, धीरज मुंडा, दीपक असुर, शनि उरांव, कुवर्धन कुजूर, आकाश उरांव, कमलेश उरांव, सुशांत उरांव, सुमित उरांव, आलोक उरांव तथा अभिषेक उरांव शामिल हैं.

चुनाव हारा हूं, पर मुझे जनता की चिंता है : डॉ अरुण

सिसई.

भाजपा सिसई मंडल के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में विस चुनाव में भाजपा की हार पर चर्चा की गयी. बैठक में डॉ अरुण उरांव ने भाजपा व उन पर भरोसा जताने विस क्षेत्र के मतदाताओं का आभार प्रकट करते हुए कि कि हार से कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना है. उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने ईमानदारी से काम किया है. लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है. जनता का फैसला का स्वागत होना चाहिए. उन्होंने कहा भले ही मैं चुनाव हारा हूं. लेकिन मुझे क्षेत्र की जनता और पार्टी के एक-एक कार्यकर्ताओं की चिंता है. पांच साल क्षेत्र में रह कर जनता के सुख-दुख में शामिल होते रहना है और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई जारी रहेगी. मौके पर निरंजन सिंह, नंदकिशोर सिंह, अनिल कुमार साहू, रवींद्र सिंह, बसंत साहू, बसंत उरांव, बालेश्वर उरांव, चरवा उरांव, जयराम उरांव, संजय वर्मा, सुखलाल राय, बसंत यादव, मुकेश ताम्रकार, रामानंद सिंह, मनोहर नायक, सचिन वर्मा, कामदेव सिंह, नीतीश बड़ाइक, प्रवीण यादव, अनिल यादव, मनोज उरांव, ओज कुमार जायसवाल मौजूद थे.

सिकल सेल एनीमिया से पीड़ितों को परामर्श दें : डॉ रंजन

गुमला.

सदर अस्पताल गुमला के डॉक्टरों के लिए मंगलवार को सिकल सेल एनीमिया के उपचार व प्रोटोकॉल पर एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में हेमेटोलॉजी डीएम डॉक्टर अभिषेक रंजन ने सिकल सेल एनीमिया रोग के वाहक के रूप में चिह्नित किये गये व्यक्तियों को सलाह देने के महत्व पर जोर दिया. साथ ही विवाहित व अविवाहित दोनों व्यक्तियों के लिए उपयुक्त परामर्श प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने बताया कि विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया जैसी आनुवंशिक बीमारियां सामान्य हैं. वैसे क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं को एएनसी के दौरान ऐम्नियोसेंटेसिस या कोरियोनिक विल्लस सैंपलिंग (सीवीएस) परीक्षण करें, ताकि आनुवंशिक असामान्यताओं का समय रहते पता लगाया जा सके. उन्होंने बताया कि सिकल सेल रोग के लक्षण 20-30 प्रतिशत मरीजों में दिखायी नहीं देते, जबकि वाहक (ट्रेट) जीवनभर बिना किसी लक्षण के रह सकते हैं. उन्होंने रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) की आवृत्ति और आवश्यकता पर भी जानकारी दी. साथ ही सिकल सेल रोग व थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के लिए अलग रक्त भंडारण की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि समय पर रक्त उपलब्ध हो सके. डॉक्टर रंजन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल डॉक्टरों को हाइड्रोक्सीयूरिया, डेसिरॉक्स समेत अन्य आवश्यक दवाओं के उचित उपयोग के बारे में जानकारी दी और न्यूमोकोकल, मेनिंगोकोकल और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआइबी) टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने दर्द संकट (पेन क्राइसिस) के प्रबंधन के लिए पारासिटामोल या ट्रामाडोल जैसी सुलभ दवाओं का उपयोग और बच्चों में बुखार प्रबंधन पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि समय पर हस्तक्षेप, प्रभावी उपचार और मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा जिले में सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ लड़ाई में मरीजों के परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. प्रशिक्षण में बाल रोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजिस्ट, चिकित्सा अधिकारी और गुमला के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के प्रतिनिधियों समेत 30 डॉक्टरों ने भाग लिया.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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