16.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार के इस जिले में खुदीराम बोस ने फूंका था स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल, पढ़िए उनकी साहसिक जीवनगाथा

Advertisement

Khudiram Bose Birthday: बिहार के मुजफ्फरपुर में खुदीराम बोस ने वर्ष 1908 में स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंका था. यहां के सेशन जज किंग्सफोर्ड की गाड़ी पर उन्होंने बम से हमला किया था. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Khudiram Bose Birthday: आजादी की लड़ाई का इतिहास क्रांतिकारियों के त्याग व बलिदान की अनगिनत कहानियों से भरा हुआ है. क्रांतिकारियों की सूची में खुदीराम बोस का भी नाम शामिल है. वे शहादत के बाद इतने लोकप्रिय हुए कि देश के युवक एक खास किस्म की धोती पहनने लगे. जिसके किनारी पर ‘खुदीराम’ लिखा होता था. बता दें कि 11 अगस्त 1908 की अहले सुबह खुदीराम बोस शहीद हो गए थे.

- Advertisement -

9वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ स्वदेशी आंदोलन की आग में कूदे

खुदीराम बोस को आजादी हासिल करने कि ऐसी ललक थी कि 9वीं कक्षा के बाद ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और वे स्वदेशी आंदोलन की आग में कूद पड़े. उन्होंने सबसे पहले रिवॉल्यूशनरी पार्टी की सदस्यता ली. उसके बाद वंदेमातरम् लिखे पर्चे बांटने लगे. बता दें कि खुदीराम बोस ने ही वर्ष 1908 में मुजफ्फरपुर में स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंका था.

1908 में अंग्रेज अधिकारियों पर किया था बम से हमला

खुदीराम बोस ने सन 1908 में बंगाल में दो अंग्रेज अधिकारी वाट्सन और पैम्फायल्ट फुलर पर बम से हमला किया था. लेकिन, इस हमले में उनकी मृत्यु नहीं हुई वे बच निकले. मुजफ्फरपुर के सेशन जज किंग्सफोर्ड ने बंगाल के कई देशभक्तों को कड़ी सजा दे दी थी. जिससे खुदीराम बहुत नाराज थे. उसके बाद उन्होंने अपने साथी प्रफुल्लचंद चाकी के साथ मिलकर किंग्सफोर्ड को सबक सिखाने का मन बनाया.

Also Read:  अपने नौकर से राजेंद्र प्रसाद ने मांगी थी माफी, उनकी जयंती पर जानिए कुछ रोचक किस्से…

मुजफ्फरपुर में सेशन जज की गाड़ी पर फेंका था बम

इसके बाद दोनों दोस्त (खुदीराम बोस और प्रफुल्लचंद) मुजफ्फरपुर आए. शहर के पुरानी धर्मशाला में रहने लगे और जज की नियमित रेकी करने लगे. इसके बाद मौका मिलते ही 30 अप्रैल 1908 को सेशन जज की गाड़ी पर दोनों ने बम फेंक दिया. लेकिन, उस गाड़ी में उस समय सेशन जज की जगह उसकी परिचित दो यूरोपीय महिलाएं कैनेडी व उसकी बेटी सवार थीं. हालांकि, उसके बाद अंग्रेज पुलिस ने उन्हें वैनी वर्तमान में पूसा रोड रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया.

उसके बाद खुदीराम बोस को मुजफ्फरपुर जेल में बंद कर दिया गया. उनको फांसी की सजा सुनाई गई. महज 19 साल की उम्र में अमर इंकलाबी खुदीराम बोस ने हिंदुस्तान की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें