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कैंपस : सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी और खुद के आकलन से दूर रहेगा तनाव

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डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीएमआइ) में तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया

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-डीएमआइ में तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन, विशेषज्ञों ने खुद के आकलन के बताये तरीके

-प्रायोगिक गतिविधियों में शिक्षक, छात्र व कर्मचारी हुए शामिल, कारण व निदान की मिली जानकारी

संवाददाता, पटना

डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीएमआइ) में तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारियों ने योर दोस्त के विशेषज्ञों की देखरेख में कई प्रायोगिक गतिविधियों में शामिल होकर तनाव को पहचानने और दूर रखने के तरीके सीखे. विशेषज्ञों ने बताया कि सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी हमें अपनी परेशानी को साझा करने और दूसरे की समझने का अवसर प्रदान करता है. कई बार दूसरे की परेशानी हमें सीख दे जाती है, जिससे खुद की परेशानी छोटी प्रतीत होने लगती है. इसके साथ समय-समय पर खुद का आकलन तनाव से दूर रहने का बेहतर अभ्यास है.

शारीरिक और मानसिक जरूरतों का ध्यान नहीं रखते

डीएन एकेडमिक प्रो शंकर पूर्वे ने कहा कि वर्तमान जीवनशैली में हम अपनी शारीरिक और मानसिक जरूरतों का ध्यान कम रखते हैं. दिनचर्या अनियमित रहती है. महीनों का काम चंद दिनों में पूरा करने का प्रयास करते हैं. ऐसे कई कारण हैं, जो हमें तनाव के दरवाजे तक पहुंचा रहे हैं. हम थोड़े अभ्यास से खुद को प्रसन्न रख सकते हैं. प्रो सूर्यभूषण ने कहा कि हमारी संस्कृति तनाव मुक्त वातावरण के अनुकूल है. हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और दूसरे की भावना का आदर करना भूल रहे हैं. सोशल मीडिया पर अनावश्यक समय भी हमें तनाव के करीब पहुंचा रहा है. योर दोस्त के विशेषज्ञ ने कहा कि तनाव को पहचाना और निदान करना सहज है.

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क :

-किसी विषय पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ

-सामान्य बातों पर उत्तेजित और चिड़चिड़ा होना

-मन को स्थिर करने और सहज करने में असमर्थ

-अनिद्रा की स्थिति, बेड पर पर्याप्त समय के बाद भी नींद पूरी नहीं होना

-खुद को कम आकलन करना

-बात-बात पर भावुक हो जाना, रोने लगना

-शरीर में नियमित थकान की अनुभूति

इसका अभ्यास हमें तनाव से रखेगा दूर :

-पर्याप्त नींद लें, उठने के बाद खुद को तरोताजा पाएं

-किसी बात को लेकर असहज होने की स्थिति में दूसरे से साझा करें

-नियमित दिनचर्या में ज्यादा छेड़छाड़ से बचें

-सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से बचें

-नियमित रूप से योग, ध्यान करें व सुबह टहलें

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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