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डेढ़ माह से बंद एमआरआइ जांच, मरीजों को 30 लाख रुपये का नुकसान

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- मायागंज अस्पताल में मशीन चला रही निजी एजेंसी ने कहा कि बुधवार से शुरू होगी जांच

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मायागंज अस्पताल में बीते डेढ़ माह से बंद पड़ा एमआरआइ मशीन से जांच बुधवार से शुरू होगी. जांच करने वाली निजी एजेंसी के अनुसार मशीन में हीलियम गैस रिफिल कर दिया गया है. मंगलवार को मशीन का ट्रायल होगा. सोमवार को 70 से अधिक मरीजों का पर्चा जमा कर जांच के लिए लाइन भी लगाया गया. जांच शुरू होने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी. जांच बंद होने के बाद मरीजों को एक से दो हजार में एंबुलेंस किराये पर लेकर जांच के लिए निजी सेंटर में जाना पड़ रहा था. वहीं मायागंज अस्पताल के जांच रेट 3400 रुपये से दो से तीन गुना फीस लग रहा था. एमआरआइ जांच सेंटर के टेक्निशियनों से जानकारी मिली कि यहां रोजाना औसतन 15 जांच की जाती है. ऐसे में बीते डेढ़ माह में करीब 650 मरीजों की जांच नहीं हुई. इन मरीजों को बाहर जांच कराने में व एंबुलेंस के किराया में 30 लाख से अधिक रुपये का नुकसान हुआ. वहीं मरीजों को शारीरिक व मानसिक परेशानी अलग. खासकर एक्सीडेंट, हड्डी, ब्रेन व स्पाइन समेत अन्य समस्या में एमआरआइ्र जांच करायी जाती है.

अस्पताल में एक और एमआरआइ मशीन की जरूरत : मायागंज अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ सचिन कुमार बताते हैं कि अस्पताल में एक और एमआरआइ सेंटर की जरूरत है. सरकार को पीपीपी मोड पर इसे शुरू करना चाहिये. निजी एजेंसी कम कीमत पर जांच करती है, अस्पताल को परिसर का किराया देती है. वहीं 10 करोड़ रुपये की मशीन को खरीदने के लिए सरकार को पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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