28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

DHANBAD NEWS : धोती-कुर्ता की जगह जींस-शर्ट पहन राजनीति चमका रहे नेताजी

Advertisement

80 के दशक में सभी नेता पहनते रहे धोती-कुर्ता, पहले के चुनाव में खादी की मांग थी अधिक, अब स्टाइलिश कपड़ों में दिखते हैं राजनीतिज्ञ

Audio Book

ऑडियो सुनें

देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और आजादी के बाद लंबे समय तक खादी का क्रेज सभी आयु वर्ग में रहा. लेकिन अब बदलते जमाने के साथ खादी की जगह स्टाइलिश चिकन, कॉटन के कपड़ों, ब्रांडेड कंपनियों की जींस और जैकेट ने ले ली है. कहते हैं बदलाव प्रकृति का नियम है. यह शाश्वत भी है. इससे राजनीति भी अछूती नहीं रही. हर दशक में राजनीति के तौर-तरीकों के साथ नेताओं के पहनावे में भी बदलाव आया है. धोती-कुर्ता से कुर्ता-पायजामा के बाद, अब जींस-कुर्ता. हर दौर में अगर कुछ कॉमन रहा, तो वह है कुर्ता. महिलाओं में साड़ी का क्रेज बदलते दौर में भी कायम है. मगर आज भी कई नेता ऐसे हैं, जिन्होंने पुराने पहनावे को बरकरार रखा है. वो आज भी कुर्ता-पायजामा पहन कर ही प्रचार प्रसार के लिए निकल रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव में धनबाद के नेताओं के पहनावे में समन्वय की तस्वीर नजर आती है. कुर्ता-जींस, पैंट-शर्ट, कुर्ता-पायजामा या फिर कुर्ता-धोती सबको यहां तवज्जो मिल रही है. कोई प्रत्याशी रंग-बिरंगे और सफेद पायजामे के साथ ही सफेद कुर्ता-पायजामा पहन रहे हैं, तो कोई जींस-कुर्ता व शर्ट जींस पहन कर प्रचार प्रसार कर रहे हैं.

80 के दशक में सभी नेता पहनते थे धोती-कुर्ता :

80 के दशक में ज्यादातर नेता धोती-कुर्ता पहनते थे. सिर पर साफा या गले में गमछा भी पहनावे का हिस्सा था. इसके बाद कुर्ता-पायजामा ने दस्तक दी. 90 के दशक के बाद सफेद पैंट-शर्ट भी चलन में आया, लेकिन राजनीतिक खांचे में पूरी तरह फिट नहीं हो पाया. इसके बाद कुर्ता-जींस व शर्ट-जींस का फैशन आ गया है.

पहले के चुनाव में खादी की थी ज्यादा मांग :

पहले चुनाव के दौरान खादी वस्त्रों की व्यापक मांग होती थी. खादी विक्रेता ने बताया कि बदलते दौर के साथ खादी की मांग कम हो गयी है. मगर आज भी ऐसे नेता हैं, जो खादी के कपड़े पहना करते हैं. मगर अभी चुनाव में भी खादी बाजार सुस्त है. खास कर युवाओं में खादी वस्त्रों के प्रति उत्साह नहीं है. पहले के दौर में सभी पार्टियों के नेता सहित कार्यकर्ताओं में खादी वस्त्रों को लेकर क्रेज था. मगर अब उसकी जगह जींस, पैंट व शर्ट ने ले ली है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें