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तालाब के चारों ओर 11 हजार दीप जलाकर मनायी देव दीपावली

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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली आयोजन समिति के तत्वावधान मे ऐतिहासिक अष्टघटी तालाब किनारे देव दीपावली कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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लखीसराय. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली आयोजन समिति के तत्वावधान मे ऐतिहासिक अष्टघटी तालाब किनारे देव दीपावली कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि मिथिलेश मिश्र व विशिष्ट अतिथि चिकित्सक डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा, जनसुराज पार्टी के नेता सुरेश प्रसाद व कवैया थानाध्यक्ष राजवर्द्धन कुमार के रूप में शामिल हुए. आयोजन समिति के अध्यक्ष पत्रकार सुनील कुमार, महासचिव अजय कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि यहां काशी बनारस के तर्ज पर पिछले छह वर्षों से बड़े ही धूमधाम से देव दीपावली मनायी जाती है. समिति के उपाध्यक्ष रंजीत सम्राट ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार देव दिवाली पर नदी और तालाब में दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं और कर्ज से भी मुक्ति मिलती है. शास्त्रों के अनुसार देव दिवाली को अवसर पर देवतागण गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर प्रसन्न होते हैं. शास्त्रों की मानें तो इस दिन दीपदान का बहुत अधिक महत्व है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में इसे पर्व के तौर पर मनाया जाता है. इस मौका पर तालाबों के चारों किनारे 11 हजार दीपक जलाकर उजाला कर जगमगा दिया. पारंपरिक तरीकों से विद्वान पंडितों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण कर पूजा अर्चना व गंगा आरती की गयी. आचार्य अमलेश पांडेय ने ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का विशेष महत्व है. देव दिपावली का पर्व भी इसी दिन मानाते हैं. हिंदू धर्म में आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है. पौराणिक कथाओं के अनुसार आज के ही दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, ये राक्षस बहुत महाबलशाली था. सभी इसके आतंक से परेशान थे. भगवान शिव ने देवताओं को इस दानव के अत्यानचारों से मुक्ति दिलायी. इसके बाद से ही देवताओं ने खुश होकर भगवान शिव को त्रिपुरारी कहना आरंभ कर दिया. मौके पर कोषाध्यक्ष राजन रजक, उप कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार उर्फ धारो, सदस्य लला कुमार, विनोद कुमार, रंजीत रजक, प्रशांत कुमार,अवधेश कुमार, शुभम सहित अन्य उपस्थित थे.

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